नगर आयुक्त का फर्जी अकाउंट बनाकर कर्मचारियों से मांगे रुपये

नगर आयुक्त का फर्जी अकाउंट बनाकर कर्मचारियों से मांगे रुपये

नगर आयुक्त मनुज गोयल का व्हाट्सएप पर फोटो लगाकर साइबर ठगों ने फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की। इस नंबर से नगर निगम के कई अधिकारियों को मैसेज भेजकर ई-वॉलेट में रकम जमा कराने को कहा गया। मामला नगर आयुक्त तक पहुंचा तो उन्होंने निजी सहायक के जरिए साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर दी। तहरीर पर पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

एक अनजान नंबर से 18 मई को नगर निगम के सहायक नगर अभियंता वेद प्रकाश वधानी और कर अधीक्षक विनय प्रताप सिंह के व्हाट्सएप पर मैसेज आए। जिस नंबर से मैसेज आए उसकी डीपी पर नगर आयुक्त मनुज गोयल की फोटो लगी हुई थी। कर्मचारियों से पहले उनकी लोकेशन पूछी गई। इसके बाद उनसे मदद के नाम पर ई-वॉलट की जानकारी भेजकर उसमें रकम जमा कराने कहा गया। दोनों कर्मचारियों के फोन पर पहुंचे संदेशों का स्क्रीन शॉट लगाकर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में तहरीर दी गई। तहरीर वहां से शहर कोतवाली पहुंची। शहर कोतवाल विद्या भूषण नेगी ने बताया कि अज्ञात आरोपी के खिलाफ साइबर अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच की जा रही है। वहीं, घटना के दिन नगर आयुक्त ने सभी कर्मचारियों को सूचना देकर अलर्ट कर दिया था। नगर आयुक्त मनुज गोयल ने बताया कि साइबर ठगों ने यह पैतरा अपनाया है। उन्होंने कहा कि जब वह रुद्रप्रयाग में तैनात थे, तब भी उनके अधीन कर्मचारियों को ऐसे मैसेज गए थे। पूर्व में उन्होंने केस दर्ज करा दिया था।

वक्फ बोर्ड में हो चुका है ऐसा

साइबर ठग इससे पहले उत्तराखंड वक्फ बोर्ड में ऐसा कर चुके हैं। आईएएस अहमद इकबाल की डीपी लगाकर वहां के कर्मचारियों को भी इसी तरह मैसेज भेजकर रकम मांगी गई। इस मामले में मुकदमा दर्ज हो चुका है।

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