जौलकांडे, पुरड़ा और बिनखोली के जंगल हुए खाक

जौलकांडे, पुरड़ा और बिनखोली के जंगल हुए खाक

बागेश्वर : जिले के जंगलों में आग लगने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार की देर शाम जौलकांडे, चंडिका मंदिर, बैजनाथ रेंज के पुरड़ा, बिनखोली के जंगलों में आग लग गई। जिस कारण तापमान भी बढ़ गया है। जंगलों में आग लगने के कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। उन्होंने वन विभाग से आग लगाने वालों पर कार्रवाई की मांग की है।

फायर सीजन को महज अब चार दिन बचे हैं। लेकिन जंगलों की आग शांत नहीं हो सकी है। बारिश होने के बाद ही आग काबू में आने की उम्मीद है। जंगलों में आग लगने के कारण हवा में गरम हो गई है। जिस कारण लोग गर्मी से बेहाल हो गए हैं। जंगली जानवरों का रुख गांवों की तरफ हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में गुलदार का आतंक बना है। इसके अलावा अन्य पशु-पक्षी भी बस्तियों की तरफ पहुंचने लगे हैं। वातावरण में धुआं होने से लोग आंखों में जलन और सिर दर्द की शिकायत कर रहे हैं। वन पंचायत सरपंच संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह रावत ने कहा कि जंगलों को बचाने के लिए प्रतिवर्ष वन विभाग को भारी भरकम बजट दिया जाता है। लेकिन जंगल आग से नहीं बच रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को जंगल बचाने के लिए ठोस नीति बनानी होगी। वनों को स्थानीय लोगों को सौंपा जाना चाहिए और वन विभाग केवल मानिटरिंग करे। इधर, डीएफओ हिमांशु बागरी ने कहा कि वन कर्मी लगातार आग पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं, जिला मुख्यालय में चंडिका मंदिर के पास जंगल में लगी आग को दमकल कर्मियों ने काबू कर लिया है।

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