सहकारी बैंकों में हुई एजीएम में एक भी प्रतिनिधि ने नही उठाया बैंको में हुई भर्ती घोटाले से सम्बंधित प्रश्न

सहकारी बैंकों में हुई एजीएम में एक भी प्रतिनिधि ने नही उठाया बैंको में हुई भर्ती घोटाले से सम्बंधित प्रश्न

देहरादून। अचार संहिता के समय जिला सहकारी बैंकों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती करी गई। देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ डीसीबी ने रिजल्ट भी जारी कर दिया था। इन भर्तियों में गड़बड़ी की शिकायतों पर जैसे ही डॉ धन सिंह रावत प्रदेश में दुसरी बार सहकारिता मंत्री बने उसी दिन डॉ धन सिंह रावत ने जांच बैठा दी थी अन्य सभी बैंकों को रिजल्ट जारी न करने के आदेश दिए थे। और जिन बैंकों ने रिजल्ट जारी कर दिया था, वहां ज्वाइनिंग न कराने के आदेश दिए गए थे। इसके बाद भी देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ डीसीबी ने बैंक के बोर्ड और प्रबंधन ने मिलकर मनमानी करते हुए ज्वाइनिंग करा दी थी और कर्मचारियों की तनख्वाह भी निकाली।
आजकल इन सभी जिला सहकारी बैंकों की agm हुई एजीएम में सभी बैंक के प्रतिनिधि बुलाये जाते है जो बैंक के कार्यो की पूरे वर्ष की समीक्षा करते है कि बैंक किस प्रकार से कार्य कर रहे है।
लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि किसी भी एजीएम में किसी भी प्रतिनिधि ने भर्ती घोटाले से समन्धित प्रश्न नही उठाया क्या सिर्फ एजीएम गिफ्ट देने तक ही सीमित है क्या यह उन किसानों के साथ धोखा नही जिन्होंने इन बैंकों में एक विश्वास के साथ अपनी जीवन भर की जमा पूंजी रखी है देखने मे आया है कोई भी प्रतिनिधि एजीएम में बैंक कितने प्रॉफिट में है नुकसान में है इस प्रकार के प्रश्न नही पूछता।

पूरे प्रदेश में इन तीन बैंक देहरादून, यूएसनगर और पिथौरागढ़ डीसीबी के बोर्ड ने जिस प्रकार मनमानी करते हुए यह भर्ती करी उससे पुरे प्रदेश का युवा आक्रोशित है इस पूरे भर्ती प्रकरण जांच राज्य सरकार ने सरकार बनते ही बैठा दी थी सूत्रों से पता चला है कि जल्द ही इस जांच पर कारवाही होने वाली है जानकारों का मानना है जांच रिपोर्ट खुलने के बाद इस भर्ती प्रकरण में कई लोग सलाखों के पीछे भी जा सकते है।

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