एडवेंचर टूरिज्म का केन्द्र बनने लगा उच्च हिमालयी क्षेत्र, साइकिलिंग और राफ्टिंग ने बढाया रोमांच

एडवेंचर टूरिज्म का केन्द्र बनने लगा उच्च हिमालयी क्षेत्र, साइकिलिंग और राफ्टिंग ने बढाया रोमांच

पिथौरागढ़ : लगभग 11 हजार फीट की ऊंचाई पर आयोजित साइकिल रैली और रिवर राफ्टिंग के बाद धारचूला का नेपाल और चीन सीमा से लगा उच्च हिमालयी क्षेत्र व्यास घाटी चर्चा में आ चुकी है। खुद मुख्यमंत्री ने यहां पर आगामी समय में साहसिक खेलों के भव्य आयोजन की है।

वहीं आदि कैलास, ओम पर्वत जैसे स्थल साहसिक के साथ धार्मिक पर्यटन के रूप में विकसित होने लगे हैं। गुंजी, कुटी, नाबी और नावीढांग में होटल, होमस्टे इसकी गवाही दे रहे हैं। कुल मिला कर चीन और नेपाल सीमा से लगा यह सामरिक महत्व का क्षेत्र आने वाले दिनों में पूरे विश्व में साहसिक खेल के रूप में अपनी अलग पहचान बनाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने पहल भी प्रारंभ कर दी है। साइकिल रैली के आयोजन में पहुंचे सीएम पुष्कर धामी ने सीमांत में पर्यटन विकास को लेकर अपनी इच्छा भी जाहिर की है।

साइकिल रैली, ट्रैकिंग, वर्ड वांचिग हैं आकर्षण का केंद्र

व्यास घाटी में गुंजी से आदि कैलास, ओम पर्वत तक की साइकिल यात्रा साढ़े दस हजार फीट से लेकर 14500 फीट ऊंचे आदि कैलास, 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले नावीढांग तक होती है। इसके अलावा यहां पर ट्रैकिंग का अपना अलग रोमांच है। वर्ड वाचिंग इसे अलग पहचान दे रहा है। आदि कैलास से सिनला पास होकर विदांग तक की ट्रैकिंग लद्दाख की पूर्ति करा देती है।

लद्दाख के बाद सर्वाधिक ऊंचाई पर हुई रिवर राफिटंग

अभी तक लद्दाख में सबसे अधिक ऊंचाई पर रिवर राफिटंग होती आई है और अब दूसरे नंबर पर गुंजी रिवर राफ्टिंग के लिए चर्चा में आ गया है। साइकिल रैली के दौरान यहां पर सफल रिवर राफिटंग प्रशिक्षण ने साहसिक पर्यटन का एक द्वार और खोल दिया है।

व्यास घाटी के लिए अब तक जारी हो चुके हैं दो हजार परमिट

व्यास घाटी में बीते माह साइकिल रैली से यहां पर पर्यटकों का तांता लग चुका है। प्रतिबंधित क्षेत्र होने से यहां पर इनर लाइन परमिट लेकर ही प्रवेश किया जा सकता है। अभी तक प्रशासन से दो हजार पर्यटक इनर लाइन परमिट ले चुके हैं। अभी परमिट के लिए लंबी लाइन लगी है। प्रशासन ने पहली बार ऑनलाइन परमिट की भी व्यवस्था कर दी है। अब परमिट के लिए चक्कर नहीं काटने होंगे ।

व्यास घाटी तक पर्यटन के द्वार खुले

जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने बताया कि व्यास घाटी तक पर्यटन के द्वार खुल चुके हैं। बीते वर्ष गुंजी में आयोजित सफल शिवोत्सव और बीते माह आयोजित साइकिल रैली से गुंजी सहित पूरी व्यास घाटी चर्चा में आ चुकी है। यहां पर साहसिक पर्यटन के लिए सरकार प्रयास कर रही है और प्रशासन इस र्का को तेजी से अंजाम दे रहा है।

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