चंपावत की पहली परीक्षा में फेल हुए करन माहरा, यशपाल और भुवन कापड़ी

चंपावत की पहली परीक्षा में फेल हुए करन माहरा, यशपाल और भुवन कापड़ी

हल्द्वानी: चम्पावत उपचुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रिकार्ड मतों से जीत चुके हैं। उत्तराखंड में यह अब तक की सबसे बड़ी जीत है। भगवा लहर ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन सिंह माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व उप नेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी को उनकी पहली चुनावी परीक्षा में फेल साबित कर दिया।

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद कांगे्रस ने लंबा मंथन कर प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य अहम पदों में बदलाव किया था। पहली बार ऐसा हुआ कि तीनों बड़े पद कुमाऊं मंडल को सौंपे गए। लेकिन उप चुनाव में माहरा, यशपाल और कापड़ी कोई प्रभाव नहीं दिखा सके।

विधानसभा चुनावों में सत्ता में वापसी का दावा करने वाली कांग्रेस सिर्फ 19 सीटों पर सिमट गई थी। पर्वतीय विधानसभाओं मे उसकी स्थिति ज्यादा खराब रही। जिसके बाद गणेश गोदियाल की जगह करन सिंह माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी प्रीतम सिंह से हटाकर यशपाल आर्य को मिली। जबकि खटीमा में सीएम को हराने वाले भुवन कापड़ी का कद बढ़ाकर उन्हें उप नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा दिया गया।

वहीं, सीएम के उपचुनाव में चम्पावत से मैदान में उतरने पर कांग्रेस के सभी बड़े नेताओं ने दावा किया था कि पार्टी और उसका प्रत्याशी जीत के लिए चुनाव मैदान में उतरेगा। लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट रहा। कांग्रेस की निर्मला गहतोड़ी अपनी जमानत तक बचा सकी। चम्पावत उपचुनाव ने कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व की क्षमता पर फिर सवाल खड़े किए हैं।

प्रचार नहीं, औपचारिकता तक सिमटे कांग्रेसी

चम्पावत के रण में सीएम के मैदान में उतरने पर भाजपा का हर छोटा-बड़ा नेता पूरी मजबूती से जुटा नजर आया। कैबिनेट मंत्री से लेकर विधायक तक गांव-गांव में नजर आए। जबकि कांग्रेस के नेता जमीनी प्रचार की जगह औपचारिकता निभाते दिखे। जिसका परिणाम शुक्रवार को सामने भी आ गया।

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