नैनी झील में नौकायन करने पर पर्यटकों से फर्जीवाड़ा, ड्रमों को बना दिया मार्किंग प्वाइंट

नैनी झील में नौकायन करने पर पर्यटकों से फर्जीवाड़ा, ड्रमों को बना दिया मार्किंग प्वाइंट

नैनीताल : यहां की नैनी झील में सालों से नौकायन कर रहे पर्यटकों के साथ फर्जीवाड़ा किया जा रहा है। पर्यटकों से झील में नौकायन करने पर शुल्क झील के पूरे चक्कर का वसूला जा रहा है और उन्हें आधी झील में ही घुमाया जा रहा है। 

नौका संचालकों के इस फर्जीवाड़े को बंद करने के लिए आधा व पूरा चक्कर की समयावधि तय करने का प्रस्ताव पालिका बोर्ड में लाने की तैयारी है। इसके बाद ही नौकायन की शुल्क वृद्धि प्रभावी होगी।

नैनी झील में 222 रोइंग व 90 पैडल बोट का संचालन होता है। इन नौकाओं के लिए मल्लीताल बोट हाउस क्लब, रिंक हाल, क्वालिटी बोट स्टेंड, लाइब्रेरी, अल्का होटल के सामने, दर्शन घर के समीप, तल्लीताल डांठ के पास बोट स्टैंड बनाए गए हैं। 

इधर, याट क्लब की ओर से झील में हवा का रुख जानने के लिए खाली ड्रम ब्रिटिशकाल से ही लगाए जाते रहे हैं।  सूत्रों के अनुसार 2013 में नौका यूनियन की मांग पर पूरे चक्कर का 210 रुपये जबकि आधे चक्कर का 160 रुपये शुल्क तय किया गया। बाद में यूनियन ने शुल्क बढ़ोत्तरी की मांग की तो पालिका ने शुल्क तो नहीं बढ़ाया लेकिन यूनियन को दूरी तय करने की छूट दे दी।

इधर, नैनीताल याट क्लब की ओर से झील मेें डाले गए ड्रमों को नाव चालकों द्वारा झील में नौकायन के मार्किंग प्वाइंट के बतौर प्रयोग किया जाने लगा। इसी के साथ पर्यटकों के साथ फर्जीवाड़े का सिलसिला चल पड़ा। पालिका इस फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए आधे व पूरे चक्कर की समयावधि तय करने का प्रस्ताव बोर्ड में रख रही है।

मालिक को मिलते हैं 50 से 70 रुपये

झील में नौकाओं का संचालन नियमानुसार मालिक को करना चाहिए लेकिन आलम यह है कि हर मालिक ने एक से चार तक चालक रखे हैं। हर चक्कर में मालिक को 50 से 70 रुपये देय हैं। नौका मालिक कुंदन रौतेला का कहना है कि हर साल नौका के रंगरोगन, साल की राल, दस किलो तांबे की कील आदि में 30 हजार रुपये तक खर्च आ जाता है। उन्होंने कहा नौ साल से नौकायन का किराया नहीं बढ़ा है, पालिका को नौका चालकों की दिक्कतें समझनी चाहिए।

पालिकाध्यक्ष सचिन नेगी का कहना है कि नैनी झील में पर्यटकों को पूरा चक्कर नौकायन करने के लिए आधा चक्कर का 20 मिनट व पूरे चक्कर का आधा घंटा तय किया जाएगा। टिकट बूथों पर ही यह बोर्ड लगाए जाएंगे। जल्द इस प्रस्ताव को बोर्ड में रखा जाएगा।

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