देहरादून। उत्तराखंड में शासन ने तबादला होने के बावजूद नए तैनाती स्थल पर पदभार न ग्रहण करने वाले अधिकारियों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। मुख्य सचिव एसएस संधु ने सचिव कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। यह भी कहा है कि तबादला किए गए जिन अधिकारियों ने चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन किया है, उनके चिकित्सा प्रमाण पत्र भी चिकित्सा प्रमाण बोर्ड से परीक्षण कर सत्यापित करवाएं। फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले चिकित्सकों पर भी कार्रवाई की जाए।
प्रदेश सरकार ने चार सितंबर को 63 पीसीएस अधिकारियों के तबादले किए थे। इससे पहले भी कुछ अधिकारियों के तबादले हुए। इन अधिकारियों में से 15 से अधिक अधिकारियों ने नए स्थल पर अपनी तैनाती नहीं दी है। इनमें से कई ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए चिकित्सा प्रमाण पत्र भी संबंधित जिलाधिकारियों के माध्यम से शासन को भेजे हैं।
स्थिति यह है कि कई जिलाधिकारियों ने प्रतिस्थानी का इंतजार किए बगैर अपने यहां से पीसीएस अधिकारियों को अवमुक्त कर दिया है। नए अधिकारियों के न आने से इन जिलों में कार्य प्रभावित हो रहा है। इस संबंध में शासन को जब सूचना मिली तो सभी कार्मिकों की सूची तलब कर ली गई। इसके बाद मुख्य सचिव को पूरे प्रकरण से अवगत कराया गया।
इस पर मुख्य सचिव ने सख्ती दिखाते हुए एक पत्र जारी किया है। इसमें साफ किया गया है कि जिन अधिकारियों ने तबादला आदेश का अनुपालन नहीं किया है, उनके विरुद्ध अनुशासनहीनता एवं आचरण नियमावली का उल्लंघन करने के लिए तत्काल विभागीय कार्यवाही की जाए।