उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब समेत उत्तर भारत के राज्यों में उत्तर पश्चिम की हवाओं के सक्रिय होने के साथ ही मानसून विदाई की तैयारी में है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार मानसून 10 अक्तूबर तक उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के सभी राज्यों से पूरी तरह विदा हो जाएगा।
मौसम विज्ञानियों का यह भी मानना है कि राजस्थान और गुजरात के कुछ इलाकों से मानसून दो दिन पूर्व ही जा चुका है, लेकिन अभी उत्तराखंड समेत उत्तर भारत के कुछ राज्यों में इसकी सक्रियता दो-तीन दिन तक बनी हुई है। हालांकि, मानसून की विदाई से पहले बारिश के आसार फिलहाल न के बराबर हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक अमूमन 28 सितंबर तक उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों से मानसून चला जाता है, लेकिन इस बार मानसून की सक्रियता एक हफ्ते बाद तक जारी रही। इसका ही असर रहा कि चार-पांच अक्तूबर तक राज्य के कई इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश देखने को मिली, लेकिन अगले दो दिन में मानसून की सक्रियता पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।
उत्तर-पश्चिम की हवाओं में बढ़ा दबाव, तेजी से गिरेगा पारा
मौसम विज्ञान के निदेशक विक्रम सिंह के मुताबिक मानसून के कमजोर पड़ने के साथ ही अब उत्तर-पश्चिम हवाओं का दबाव तेजी से बढ़ा है। इन हवाओं के सक्रिय होने के परिणामस्वरूप न सिर्फ आने वाले दिनों में तेजी से ठंडक बढ़ेगी, वरन पारा भी तेजी से गिरेगा। इन हवाओं की सक्रियता के कारण ही पिछले दिनों से तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है।
इस बार सामान्य से दो फीसदी कम हुई बारिश
मौसम विभाग के अनुसार इस साल राज्य में औसत से दो फीसदी कम बारिश हुई है। हर साल राज्य में सामान्यत: 1176.9 मिमी बारिश होती है, लेकिन इस बार 1153.4 मिमी बारिश हुई। इस साल बागेश्वर में सबसे अधिक 2215.8 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य बारिश 842.7 से काफी अधिक है। वहीं, हरिद्वार में सबसे कम 752 मिमी बारिश हुई है। जबकि सामान्यत: हरिद्वार में 971.2 मिमी बारिश होती है। जहां तक राजधानी दून का सवाल है तो देहरादून में सामान्य से 11 फीसदी कम बारिश हुई। देहरादून में इस साल महज 1362.4 फीसदी बारिश हुई। जबकि देहरादून में 1524.6 मिमी बारिश होती है।