14 साल बाद मां से मिलकर भावुक हुई किशोरी, डीएनए सैंपल से जांचे गए थे माता-पिता

14 साल बाद मां से मिलकर भावुक हुई किशोरी, डीएनए सैंपल से जांचे गए थे माता-पिता

अल्मोड़ा : माता-पिता से बचपन में ही बिछड़ जाने वाली बच्ची को आज जिला जज की मौजूदगी में परिजनों के सुपुर्द किया गया। 14 साल बाद मां से मिलकर बालिका भावुक हो गई। बालिका को लेकर परिजन नेपाल रवाना हो गए। उन्होंने भारतीयों के विशेष योगदान के लिए आभार भी जताया।

मूलरूप से नेपाल की रहने वाली बालिका जब 7 साल की थी तो उसका रिश्ते में मामा बहला फुसलाकर भारत ले आया। तब से वह उसके साथ रह रही थी। इस दौरान वह शारीरिक शोषण का शिकार भी हुई। हल्द्वानी में उसके मामा के खिलाफ पोस्को एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ और उसे जेल भेजा गया। इसके बाद 2018 में उसे बाल गृह किशोरी अल्मोडा भेजा गया। तब वह महज 16 साल की थी। इसके बाद जानकारी जुटा कर परिजन अपनी बच्ची को लेने अल्मोड़ा किशोरी सदन पहुंचे। लेकिन बच्ची ने उन्हें नहीं पहचाना। जब वह अपने घर नेपाल से अपने मामा के साथ निकली थी तो महज सात साल की थी। परिजनों के कहने पर माता-पिता और बच्ची की डीएनए जांच की गई। जांच में पुष्टि होने के बाद बालिका को परिजनों को सौंप दिया गया।

गुरुवार को परिजन नेपाल से राजकीय किशोरी बाल गृह अल्मोड़ा पहुंचे। जहां जिला जज मलिक मजहर सुल्तान, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रविशंकर मिश्रा, जिला परिवीक्षा अधिकारी राजीव नयन तिवारी, विधि सह परिवीक्षा अधिकारी अभिलाषा तिवारी व अधीक्षिका राजकीय बाल गृह किशोरी बख अल्मोड़ा मंजू उपाध्याय व बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रघु तिवारी और सदस्य मीता उपाध्याय, त्रिलोक लटवाल की मौजूदगी में बालिका को उनकी माता और नेपाल से आए परिजनों को सौंपा गया। परिजनों के साथ नेपाल से महिला विकास अधिकृत नेपालगंज पवित्रा कुमारी पुरी व शक्ति समूह की क्षेत्रीय अधिकारी निर्मला पोडेल भी मौजूद थे।

जिला जज मलिक मजहर सुल्तान ने परिजनों से बालिका को बेहतर शिक्षा देने की बात कही। साथ ही किशोरी बाल सदन के अधिकारियों से समय-समय पर बालिका का हाल-चाल के बारे में जानकारी लेने को कहा।

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