देहरादून : जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने एक मामले में केबल संचालक को उपभोक्ता का कनेक्शन शीघ्र शुरू करने को कहा है। साथ ही कनेक्शन बंद रहने की अवधि का कोई मासिक शुल्क नहीं वसूलने के आदेश दिए हैं। वहीं, दो हजार रुपये वाद व्यय व पांच हजार रुपये की मानसिक क्षतिपूर्ति भी उपभोक्ता को देनी होगी।
सेवला कलां निवासी केके त्रिपाठी ने सीता केबल को पक्षकार बना जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में वाद दायर किया था। वादी के अनुसार उन्होंने अप्रैल 2018 में अपने घर के लिए सेटअप बाक्स सहित केबल कनेक्शन लिया था। जिसका दो हजार रुपये का अग्रिम मासिक शुल्क उन्होंने चेक से अदा किया, लेकिन दो माह बाद ही केबल 2-3 बार बंद रहने लगा। उन्होंने केबल संचालक से बात की पर कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जनवरी 2019 से मई 2019 तक केबल लगातार बंद रहा।
जून 2019 में केबल संचालक ने उनके घर से सेटअप बाक्स व कनेक्शन हटा लिया। 13 अगस्त 2019 को वह केबल संचालक से मिले। उसने कहा कि कनेक्शन 14 अगस्त से शुरू हो जाएगा पर ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कानूनी नोटिस भिजवाया तो केबल शुरू किया गया, लेकिन मासिक शुल्क के नाम पर 1700 रुपये की मांग की गई। इनकार करने पर उनका कनेक्शन दोबारा बंद कर दिया गया। आयोग के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह दुग्ताल, सदस्य विमल प्रकाश नैथानी व अलका नेगी ने तमाम साक्ष्यों के आधार पर यह माना कि कनेक्शन बंद किए जाने से उपभोक्ता को मानसिक पीड़ा से गुजरना पड़ा है। उन्होंने केबल संचालक को कनेक्शन तुरंत चालू करने के आदेश दिए। साथ ही वाद व्यय व मानसिक क्षतिपूर्ति भी अदा करने को कहा।