आउटसोर्स और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का पीएफ नहीं भरने पर सरकारी विभाग (प्रिंसिपल इंप्लायर) अब नहीं बच सकेंगे। एजेंसी की जिम्मेदारी बताकर आउटसोर्स कर्मचारियों को भविष्य निधि की सामाजिक सुरक्षा से वंचित रखने वाले संस्थानों पर ईपीएफओ शिकंजा कसने जा रहा है। ईपीएफओ ने देहरादून समेत पूरे गढ़वाल मंडल में केंद्र और राज्य के सरकारी महकमों को नोटिस जारी कर विभागों में तैनात आउटसोर्स कर्मचारियों और एजेंसियों की डिटेल मांगी है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय ने पहली बार इतने बड़े स्तर पर कार्रवाई की है। जिन 262 संस्थानों को नोटिस जारी हुए हैं, उसमें नगर निकाय, कैंट बोर्ड, स्वास्थ्य, शिक्षा, प्रशासन, एयरपोर्ट अथॉरिटी, एनएचए समेत तमाम सरकारी विभाग और सैन्य सेवाओं से जुड़े संस्थान भी शामिल हैं। क्षेत्रीय आयुक्त विश्वजीत सागर ने बताया कि सरकारी विभागों में थर्ड पार्टी एजेंसी या खुद के जरिये आउटसोर्स या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी रखे जा रहे हैं। इसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक शामिल हैं। ज्यादातर विभागों में डाटा एंट्री ऑपरेटर, कंप्यूटर ऑपरेटर, फील्ड स्टाफ आउससोर्स एजेंसियों के जरिये रखा गया है। कई विभागों की शिकायत मिल रही है उनके आउटसोर्स कर्मचारियों का पीएफ नहीं कट रहा है। किसी का पीएफ कट रहा है, लेकिन कांटेक्टर या एजेंसियां जमा नहीं कर रही हैं। कर्मचारियों की संख्या में हेराफेरी की भी शिकायतें मिल रही हैं। ऐसे में सभी विभागों से आउटसोर्स कर्मचारियों की विवरण, आउटसोर्स एजेंसियों की डिटेल, पीएफ नंबर मांगा गया है। विभागों का और आउटसोर्स एजेंसियों का डाटा मिलान किया जाएगा, गलत रिपोर्ट या गड़बड़ी मिलने पर मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
25 हजार के करीब कर्मचारियों को लाभ न मिलने का अनुमान
देहरादून। ईपीएफओ का अनुमान है कि गढ़वाल मंडल में करीब 20 से 25 हजार ऐसे आउटसोर्स कर्मचारी हो सकते हैं, जिन्हें विभागों की लापरवाही और एजेंसियों की मनमानी से पीएफ का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रिंसिपल इंप्लायर ईपीएफओ के ऑनलाइन पोर्टल पर भी जानकारी दर्ज कर सकते हैं।
सरकारी विभाग जो प्रिंसिपल इंप्लायर की भूमिका में हैं, उनका तर्क रहता है कि आउटसोर्स कर्मचारियों का पीएफ संबंधित एजेंसी की जिम्मेदारी है। जबकि नियमों के मुताबिक संस्थान में सेवाएं देने वाले प्रत्येक कर्मचारी का पीएम जमा कराना प्रिंसिपल इंप्लायर की जिम्मेदारी है। ऐसे सभी सरकारी विभाग और उपक्रम, जिनमें आउटसोर्स या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी काम करते हैं, उन्हें उनका पीएफ जमा कराना सुनिश्चित करना होगा। इसलिए सभी विभागों को नोटिस भेजकर जानकारी मांगी गई है। कार्रवाई के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए हैं।
-विश्वजीत सागर, क्षेत्रीय आयुक्त ईपीएफओ देहरादून