उत्तराखंड में बीते दो दिन से बारिश का दौर जारी है। मंगलवार की सुबह भी पहाड़ से मैदान तक बारिश हुई। वहीं, कई जगहों पर बादल छाए हुए हैं। उधर, मौसम विज्ञानियों ने अगले 24 घंटे में उत्तराखंड के कई पर्वतीय इलाकों में तेज बौछारों के साथ भारी बारिश की संभावना जताई है। भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से ऑरेंज अलर्ट भी जारी कर दिया गया है।
मौसम विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के पर्वतीय जिलों में कहीं-कहीं तेज गर्जना के साथ बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। राजधानी दून में अगले चौबीस घंटे के भीतर मध्यम से भारी बारिश की संभावना मौसम विज्ञानियों ने जताई है।
भारी बारिश की संभावनाओं को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार ने आपदा प्रबंधन से जुड़े सभी विभागों के अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। उन्होंने सभी उपजिलाधिकारियों को हिदायत दी है कि वे अपने अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहें और लेखपालों से आपदा से जुड़े हर जानकारी लेते रहें। साथ ही जिला आपदा प्रबंधन केंद्र को भी अवगत कराएं। आपदा प्रबंधन में यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही बरती गई तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पागलनाला में चार घंटे बंद रहा बदरीनाथ हाईवे
बदरीनाथ हाईवे पागलनाला में आज भी करीब चार घंटे तक बंद रहा। सुबह छह बजे के करीब भारी बारिश के कारण मलबा आने से हाईवे बाधित हो गया था, जिसे सुबह 10 बजे सुचारू किया गया। चमोली जिले में भूस्खलन और मलबा आने से अभी भी 13 संपर्क मार्ग बंद हैं।
वाहनों की आवाजाही के लिए यमुनोत्री हाईवे बंद
उधर, यमुनोत्रीधाम धाम समेत घाटी में रातभर बारिश के बाद हाईवे की हालत खस्ताहाल बनी हुई है। जगह-जगह मलबा और बोल्डर आने से हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए बाधित है। जबकि लोग खतरे के बीच ही पैदल आवाजाही कर रहे हैं।
पिथौरागढ़ और अन्य स्थानों से कटा मुनस्यारी का संपर्क
लगातार बारिश से पिथौरागढ़ जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त है। नदियां उफान पर हैं। थल-मुनस्यारी सड़क हरड़िया के पास बंद है। जरीगाड़ पुल के खतरे में आने से जौलजीबी-मुनस्यारी सड़क पर भी एक सप्ताह से वाहनों की आवाजाही बंद है।
पुल से एक सप्ताह से बंद होने से लुमती, बंगापानी, उमरगखड़ा,सेरा, सेराघाट, मदकोट, भदेली, सेवला, दरांती, दरकोट, मुनस्यारी से लगे दर्जनों गांवों के लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, पुल के बंद होने से सात-आठ दिन से सात-आठ वाहन वहां फंसे हैं।
वहीं, थल-मुनस्यारी सड़क चार से अधिक स्थानों पर बंद है। इस कारण जिला मुख्यालय और अन्य क्षेत्रों से मुनस्यारी का संपर्क कट गया है। जिले में 20 से अधिक सड़कें बंद हैं, जिन्हें कार्यदायी संस्थाएं तेजी से खोलने का प्रयास कर रही हैं।
ये सड़कें हैं बंद
मंसूरी-कांडा-होकरा, नाचनी-बांसबगड़, आदिचौरा-सिन्नी, बंगापानी-जाराजीबली, छिरकिला-जम्कू, गिन्नीबैंड-समकोट, मंसूरी-होकरा, नाचनी-बसंतकोट, डोर-सैरणांथी, बांसबगड़-धामीगांव, बांसबगड़-कोटा, कालिका-खुमती, बांस-आंवलाघाट, सानदेव-तुर्गोली, बिर्थीबैंड-बाराजुब्बर, जौलजीब-मुनस्यारी, तवाघाट-सोबला, घट्टाबगड़-लिपूलेख, सोबला-दर तिदांग सड़क।