ड्रिंक ड्राइविंग से कर लें तौबा, नहीं तो होगी बड़ी दिक्कत

ड्रिंक ड्राइविंग से कर लें तौबा, नहीं तो होगी बड़ी दिक्कत

शराब पीकर वाहन चलाने वालों के शत-प्रतिशत लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति की जायः जिलाधिकारी।

पुलिस व परिवहन विभाग प्रवर्तन(एन्फोर्समेंट) की कार्यवाही में तेजी लायें।

सड़क सुरक्षा मद में प्राप्त हुई धनराशि को युद्वस्तर पर कार्य में लगाना सुनिश्चित करें।

बेहतर कॉर्डिनेशन से सड़क सुरक्षा के मानकों का अनुपालन करें संबंधित विभाग।

मजिस्ट्रीयल जांच को सभी उपजिलाधिकारी शीघ्रता से पूर्ण करना सुनिश्चित करें।

     उपरोक्त दिशा-निर्देश जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गयी सड़क सुरक्षा समिति की समीक्षा बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिये।


      जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग, उपजिलाधिकारियों व परिवहन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि सड़क सुरक्षा के मानकों की अवहेलना करने वालों के विरूद्व प्रवर्तन की कार्यवाही बढ़ायें तथा खतरनाक रूप से ड्राइविंग करने वालों, ओरवलोडिंग और शराब पीकर वाहन चलाने वालों के शत-प्रतिशत लाइसेंस को निरस्तीकरण की संस्तुति करना सुनिश्चित करें।
      उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय से सड़क सुरक्षा के कार्यों को संपादित करते हुए  आवागमन को सुरक्षित, सुगम और गतिशील बनाने के निर्देश देते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग को हाल ही में 72 करोड़ रूपये की शासन से सड़क सुरक्षा मद में जो धनराशि प्राप्त हुई है उस धनराशि को क्रैश बैरियर बनाने, सड़कों को गड्डामुक्त करने, महत्वपूर्ण स्थलों पर बोर्ड-साइनेज-संकेतक लगवाने, डिवाइडर रंबल स्ट्रीप, रिफ्लेक्टर और सड़क सुरक्षा को सुनिश्चित करने वाले कार्यों में शीघ्रता से खर्च करें।
       उन्होंने सभी उप-जिलाधिकारियों को भी निर्देशित किया कि वे भी एनफोर्समेंट की कार्यवाही में तेजी लाएं तथा जितनी भी समय-समय पर मजिस्ट्रीयल जांच की जानी होती हैं वह जल्दी पूर्ण करते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें ताकि सड़क सुरक्षा से संबंधित अन्य कार्यों को तेजी से संपादित करने में सहायता मिल सके।
       जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को शाम के 6 बजे से 9 बजे के बीच एनफोर्समेंट की कार्यवाही  तेजी से करने तथा शराब व नशा करके वाहन चलाने वालों पर सक्ती करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ, पुलिस और अन्य विभागों तथा ऐजेंसियों द्वारा रेस्क्यू कार्य करने के दौरान उसकी जीआईएस मैपिंग भी साथ-साथ करवाने को कहा। उन्होंने कहा कि ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग लेेन के लिए यदि पौड़ी शहर के आसपास भूमि उपलब्ध हो जाती है तो पौड़ी शहर में ही इसको तैयार करें ताकि शहर के आसपास इकोनॉमिक गतिविधियों को बढ़ावा मिल सके।
      उन्होंने ऐसे नये सड़क मार्गों जिन का पुलिस, परिवहन, लोनिवि, एसडीएम आदि स्तर से संयुक्त  निरीक्षण किया जाना है कि संबंधित सड़क यातायात की दृष्टि से उपयुक्त है अथवा नहीं; उन सभी तरह के निरीक्षण और उनकी आख्या भी समय से उपलब्ध करवाने को कहा।
       जिलाधिकारी ने पुलिस विभाग द्वारा चालानी कार्यवाही से तो संतुष्टि व्यक्त की किन्तु चालानों के सापेक्ष लाइसेंस निरस्तीकरण की संस्तुति की कम प्रगति को बढ़ाये जाने को कहा। पुलिस विभाग द्वारा कुल 153 चालानों में केवल 88 पर चालान निरस्तीरकण की संस्तुति की गयी थी, जिसको वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने भी अधिनस्थों को बढ़ाये जाने के निर्देश दिये।
        बैठक में सामने आया कि अधिकतर दुर्घटनाएं शराब पीकर हो रही है; प्राइवेट वाहन चलाक (कार द्वारा) अधिक दुर्घटनाएं हो रही हैं तथा शाम के 6 बजे से 9 बजे के बीच अधिक सड़क दुर्घटनाएं घटित होने का ट्रेण्ड सामने आने पर जिलाधिकारी ने पुलिस और परिवहन विभाग को एल्कोमीटर की संख्या बढ़ाने तथा खराब एल्कोमीटर की जगह नये एल्कोमीटर रिप्लेस करने के निर्देश दिये। सामने आया कि अगस्त माह में अभी तक कुल 8 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं जिसमें से 7 लोगों ने अपनी जान गंवाई।
        जिलाधिकारी ने अन्य विभागीय अधिकारियों से भी कहा कि यदि उनके संज्ञान में भी कहीं पर ओवर स्पीडिंग, रैश ड्राइविंग, शराब व नशा करके वाहन चलाने अथवा खतरनाक तरिके से वाहन चलाने वाला मामला संज्ञान में आता है तो तत्काल इसकी सूचना परिवहन और पुलिस विभाग को देकर संबंधित पर कार्यवाही करवायें।
            बैठक में वरिष्ट पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, अधीक्षण अभियंता लोनिवि पी0एस बृजवाल, परिवहन अधिकारी अनीता चंद, मुख्य शिक्षाधिकारी दिनेश चंद्र गौढ़, अधिशासी अभियंता एनएच श्रीनगर निर्भय सिंह व अधिशासी अभियंता लोनिवि दिनेश नौटियाल सहित संबंधित अधिकारी कलेक्ट्रेट सभागार में उपस्थित थे व अन्य अधिकारी वर्चुअल माध्यम से बैठक से जुड़े थे।

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