उत्तराखण्ड ग्राम्य विकास समिति (UGVS), ग्राम्य विकास विभाग द्वारा संचालित ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना के अन्तर्गत प्रायोजित ”हिलांस आउटलेट” का शुभारम्भ विकास भवन परिसर, सर्वेचौक, देहरादून में जनपद की मुख्य विकास अधिकारी सुश्री झरना कमठान के कर कमलों द्वारा किया गया। विदित् हो कि ”हिलांस” द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कृषि उपज का स्वयं सहायता समूहों एवं कृषक फेडरेशन के माध्यम से प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्द्धन कर पर्वतीय कृषकों की बाजार तक पहुॅच बनाने हेतु कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकरी सुश्री कमठान ने बताया कि ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन के तहत् स्वयं सहायता समूह एवं कृषक फेडरेशन के माध्यम से विभिन्न प्रकार के कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद निर्मित किये जा रहे है, जिनके विपणन हेतु हिलांस आउटलेट उपयोगी साबित होगा। साथ ही साथ ग्राहकों को भी उत्पादों की शुद्धता एवं गुणवत्ता अनुभव करने का अवसर प्राप्त होगा।
”हिलांस आउटलेट” विकास भवन परिसर, सर्वेचौक, देहरादून का संचालन एवं प्रबन्धन ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना द्वारा सहायतित कृषक फेडरेशन ”खतशैली स्वायत्त सहकारिता, माखटी” द्वारा किया जा रहा है। इस अवसर पर फेडरेशन की कोषाध्यक्ष द्वारा आउटलेट के माध्यम से फेडरेशन की महिला सदस्यों हेतु बेहतर बिजनेस अवसरों की आकांक्षा व्यक्त की।
आउटलेट के शुभारम्भ के अवसर पर ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना, देहरादन के जिला परियोजना प्रबन्धक, ने बताया कि हिलांस द्वारा Purity you deserve टैगलाइन से परियोजना सहायतित समुदाय आधारित संगठनों के उत्पादों को ब्राण्डिंग कर ऑनलाइन प्लेटफार्म htpps:@@hilans-org से ग्राहकों को उपलब्ध कराया जाता रहा है। बताया गया कि देहरादून शहर के मुख्य बाजार में से एक सर्वे चौक में यह पहला अवसर है जब हिलांस द्वारा ऑफलाइन मोड में हिलांस उत्पादों का विपणन किया जा रहा है।
इस आउटलेट के माध्यम से देहरादून जनपद के समस्त छः विकासखण्डों में गठित 30 कृषक फेडरेशनों के अन्तर्गत आच्छादित 5000 स्वयं सहायता समूहों व उत्पादक समूहों के 35 हजार महिला कृषक सदस्यों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से लाभ होगा साथ ही प्रदेष भर में हिलांस के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिषन गठित स्वयं सहायता समूहों एवं पूर्व में संचालित एकीकृत आजीविका सहयोग परियोजना सहायतित उत्पादक समूहों के लगभग 5,60,000 महिला कृषक प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।