भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर में गत शनिवार हुए बवाल के बाद सभी लोग शांति की अपील कर रहे हैं। गांव के बुजुर्गों का कहना है कि दशकों से गांव समेत आसपास के क्षेत्र में सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर रह रहे हैं। क्षेत्र को किसी की बुरी नजर लग गई है जिस कारण क्षेत्र में इस तरह की घटना घटित हुई है। सभी धर्मों के लोग अब फिर से सौहार्द के साथ रहने की कसमें खाने लगे हैं। इस कारण क्षेत्र में धीरे-धीरे भाईचारे की मिसाल दी जाने लगी हैं।
करीब एक सप्ताह पूर्व भगवानपुर क्षेत्र के डाडा जलालपुर में हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच बवाल हो गया था। एक पक्ष की ओर से पथराव किए जाने के बाद तनाव बढ़ गया। साथ ही आगजनी और तोड़फोड़ भी हुई। घटना के बाद गांव समेत आसपास के क्षेत्र की फिजा अचानक खराब हो गई थी। दोनों समुदायों के बुजुर्गों ने अपने दशकों का अनुभव दूसरे धर्म के बुजुर्ग के साथ साझा किया तो फिर से सौहार्द का माहौल बनने लगा है।
ग्रामीणों का कहना है कि कई दशकों से गांव में दोनों समुदाय के लोग मेल-मिलाप के साथ निवास करते आ रहे हैं। कभी भी उनके गांव या आसपास में इस तरह की घटना घटित नहीं हुई है। डाडा जलालपुर के बहुद्देश्यीय साधन सहकारी समिति के चेयरमैन ग्रामीण सूर्यकांत सैनी का कहना है कि अब धीरे-धीरे गांव में सौहार्द का माहौल बनने लगा है। जिस तरह से वह दशकों से मिल-जुलकर रहते आए हैं आगे भी इस तरह भाईचारे के साथ रहना होगा। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में माहौल खराब करने वालों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
पूर्व प्रधान फुरकान अहमद का कहना है कि उनकी उम्र लगभग 50 साल के करीब होने को है लेकिन उन्होंने कभी इस तरह का बवाल नहीं देखा है। डाडा जलालपुर में जो घटना घटी है उसमें कुछ शरारती तत्वों ने माहौल बिगाड़ा है वरना गांव में सभी लोग शांति चाहते हैं। वे ग्रामीणों से लगातार शांति की अपील कर रहे हैं। गांव व क्षेत्र की फिजा को किसी भी सूरत में खराब नहीं होने दिया जाएगा और लोग जिस तरह से सौहार्द के साथ रहते आए हैं आगे भी इसी तरह रहेंगे। पुलिस को असल आरोपियों को तलाश कर कार्रवाई करनी चाहिए।
ग्राम डाडा पट्टी के ग्रामीण महिपाल का कहना है कि कुछ समय तक उनके गांव व डाडा जलालपुर का माहौल खराब हुआ था लेकिन अब सब सामान्य होने लगा है। वह दोनों ही समुदायों के लोगों से शांति के साथ रहने और सौहार्दपूर्ण व्यवहार करने की अपील करते हैं। पुलिस प्रशासन को निष्पक्षता के साथ जांच कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। किसी भी निर्दोष पर कार्रवाई न की जाए।