दो वर्ष बाद एक जून से आदि कैलास यात्रा शुरू होने जा रही है। पर इस बार यात्रा का पूरा आयोजन कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) नहीं बल्कि नोएडा की एक निजी कराने जा रही है। यात्रियों की बुकिंग, परिवहन से लेकर पूरा यात्रा पैकेज कंपनी ही प्लान करेगी।
यात्रियों को ठहराने के लिए केवल केएमवीएन के गेस्ट हाउस का प्रयोग किया जाएगा। इसे लेकर केएमवीएन के कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया है। मामले को लेकर कर्मचारी संघ ने सीएम से मुलाकात कर पूरा आयोजन पूर्व की भांति निगम के जरिए कराने की अपील की है।
आदि कैलास की पूरी यात्रा का मुख्य आयोजक केएमवीएन ही करता है। यात्रियों की बुकिंग से लेकर मार्केटिंग, परिवहन सहित पूरा टूर पैकेज निगम ही तैयार करता था। इससे निगम को अतिरिक्त आमदनी भी होती थी। साथ ही निगम के गेस्ट हाउस में ही यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था होती थी।
पर इस साल निगम ने यात्रा का पैकेज तैयार करने से लेकर बुकिंग तक की पूरी जिम्मेदारी नोएडा की एक एक
निजी कंपनी को सौंप दिया है। कर्मचारी महासंघ ने इसके विरोध का ऐलान किया है। संघ का कहना है कि चार दशकों के प्रतिकूल हालात में निगम ने यात्रा मार्ग में सुविधाएं जुटाई।
पूर्व में निगम की ओर से संचालिक आदि कैलास में 300 से 400 यात्री ही जाते थे। लेकिन इस बार निजी कंपनी के माध्यम से इस संख्या को 1500 से 2000 करने का लक्ष्य हैं। निगम यात्रा के लिए परिवहन आदि को ठेके पर ही देता है।
एपी वाजपेयी, महाप्रबंधक केएमवीएन
निगम व प्रदेश सरकार अपने स्तर से मार्केटिंग करे तो यात्रियों की संख्या हजारों में पहुंच जाएगी। यात्रा निजी हाथों में सौंपने के विरोध में सीएम को पत्र भेजा है। जरूरत पड़ी तो इसके खिलाफ हाईकोर्ट भी जाएंगे।
दिनेश गुरुरानी, अध्यक्ष केएमवीएन संयुक्त कर्मचारी महासंघ