चुनावी हार के बाद उत्तराखण्ड कांग्रेस में कलह थमने का नाम नहीं ले रही,चुनाव नतीजे आने के बाद हरीश रावत और प्रीतम सिंह पर गुटबाजी कर चुनाव हारने के आरोप लगे तो अब प्रदेश अध्यक्ष सहित नेता प्रतिपक्ष के नामों की घोषणा के बाद कांग्रेस के आठ से दस विधायक बेहद नाराज चल रहे हैं, जिनमे सबसे प्रमुख नाम धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी है जो पार्टी नेतृत्व पर अनदेखी का आरोप लगा रहे हैं साथ ही हार का जिम्मेदार सीधे तौर पर प्रभारी देवेंद्र यादव को बता रहे हैं।
हरीश धामी साफ कह रहे हैं कि चुनाव हारने के मुख्य कारण प्रभारी देवेंद्र यादव है उनकी वजह से कांग्रेस चुनाव हारी है.ऐसे में आलाकमान को चाहिए था कि जब प्रदेश अध्यक्ष पद से गणेश गोदियाल को हटाया गया तो उससे पहले प्रदेश प्रभारी को हटाया जाना चाहिए था। लेकिन प्रदेश प्रभारी को नहीं हटाया गया।
अब जब प्रदेश अध्यक्ष सहित नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष की घोषणा हो चुकी है तो हरीश धामी अपनी उपेक्षा से काफी नाराज हैं उनका कहना है कि जिस तरीके से भाजपा ने चुनाव हारने के बाद भी एक युवा को चेहरा बनाया उसी तरह कांग्रेस को भी युवा चेहरे को आगे करना चाहिए था।
हरीश धामी ने कहा कि हालांकि, जिन्हें यह दायित्व सौंपा गया है उनसे वह नाराज नहीं है लेकिन मेरिट के आधार पर दायित्व दिए जाने की अगर बात कही जा रही है तो मेरिट में सबसे ऊपर उनका नाम आना चाहिए था। यही वजह है कि तमाम विधायक नाराज चल रहे हैं और जल्द ही इस पूरे मामले को लेकर वह सभी विधायक बैठा करेंगे और बैठक में जो निर्णय होगा वह लेंगे। साथ ही कहा कि अब उन्होंने मन बना लिया है कि कांग्रेस के झंडे को नहीं उठाएंगे क्योंकि कांग्रेस ने उनके साथ नाइंसाफी की है।
साथ ही हरीश धामी ने साफ कहा कि अब वो कांग्रेस के लिए काम नही कर सकते, अलग पार्टी बनाकर भी काम किया जा सकता है और अगर उनके क्षेत्र की जनता चाहेगी तो पुष्कर धामी के लिए भी सीट छोड़ने को तैयार हैं।
कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व में हुए बदलाव के बाद पार्टी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है.कांग्रेस विधायकों का एक गुट यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने और करण माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने से खासा नाराज है। कांग्रेस के आठ से 10 विधायकों के बीजेपी के संपर्क में होने की भी खबर है.ये भी खबर मिल रही है कि कांग्रेस के नाराज विधायक आज कहीं गुप्त मीटिंग कर सकते हैं जिसमे वो आगामी नीति पर फैसला लेंगे.
वही भाजपा भी कांग्रेस के इन विधायकों पर नजर बनाए हुए है मुख्यमंत्री पुष्कर सिहं धामी ने कहा कि कांग्रेस मुक्त प्रदेश होने वाला है तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि अगर कांग्रेस से कोई भाजपा में आना चाहता है तो उसका स्वागत है।