चुनाव हारने के बावजूद माहरा को मिली उत्तराखंड कांग्रेस की कमान, हरीश रावत के हैं खासमखास

चुनाव हारने के बावजूद माहरा को मिली उत्तराखंड कांग्रेस की कमान, हरीश रावत के हैं खासमखास

विधानसभा चुनाव में हार होने के बावजूद कांग्रेस युवा नेता जीते गए हैं। दिग्गज नेताओं को किनारे कर कांग्रेस पार्टी हाईकमान ने करण माहरा को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। माहरा को उत्तराखंड कांग्रेस की कमान सौंप कर हाईकमान ने युवा पांत पर भरोसा करने का संदेश दिया है। 

रानीखेत विधानसभा से तीसरी बार चुनाव लड़ रहे करण माहरा को इस बार हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद भी हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष बनाकर उनके कद को बढ़ाया है। अल्मोड़ा जिले की रानीखेत विधानसभा सीट से महरा दो बार विधायक चुने गए। 2007 और 2017 के चुनाव में जीत कर विधायक बने, लेकिन इस बार उन्हें हार मिली।

बता दें, रविवार को कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उप नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा की थी। ऐन चुनाव से पहले कांग्रेस में गए भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे यशपाल आर्य के नाम का एलान नेता प्रतिपक्ष के तौर पर किया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को खटीमा में शिकस्त देने वाले विधायक भुवन कापड़ी सदन में उप नेता प्रतिपक्ष बनाया गया।

पांच साल में जनहित के मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद कर माहरा ने बनाई अलग पहचान

विपक्ष में रहते हुए पांच साल करण माहरा ने सदन से सड़क तक जनहित के मुद्दों को लेकर आवाज बुलंद कर एक अलग पहचान बनाई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के खासमखास रहे माहरा ने 2017 के बाद पार्टी में धड़ेबाजी से खुद को अलग रखा। 2017 से 2022 तक उप नेता प्रतिपक्ष में रह कर विपक्ष की अहम भूमिका निभाई। 

हाईकमान ने युवा चेहरे को संगठन की कमान सौंपने पर पार्टी में दूसरी पांत पर भरोसा किया है। सदन में जहां वरिष्ठ और अनुभवी के साथ दलित नेता यशपाल आर्य को नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है। वहीं खटीमा विधानसभा सीट से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शिकस्त देने वाले युवा नेता भुवन कापड़ी को उप नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी है।

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