पौड़ी सचिव उत्तराखण्ड भाषा विभाग विनोद प्रसाद रतूड़ी की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में विभिन्न विभागों के विभागीय अधिकारियों के साथ विकास कार्यों, प्रमुख योजनाओं, महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और निर्माण कार्यों की प्रगति, सुझाव, फीडबैक और उसके बेहतर क्रियान्वयन के संबंध में ‘‘सरकार जनता के द्वार‘‘ की मुख्य भावना के साथ समीक्षा बैठक आयोजित की गयी।
सचिव ने जल जीवन मिशन के कार्यों की गुणवत्ता में सुधार करते हुए इसकी प्रगति को बढ़ाने तथा अभी तक किये गये कार्यों का जनपद स्तरीय अधिकारियों के माध्यम से भौतिक सत्यापन कराने के निर्देश दिये। उन्होेेंने जिलाधिकारी को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए शिक्षकों की नियमित उपस्थिति बनाये रखने तथा दुरस्थ क्षेत्रों से आवागमन करने वाले शिक्षकों पर नियमानुसार सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिये।
सचिव ने कहा कि अमृत सरोवर योजना के अंतर्गत बनाये जा रहे जल निकायों व तालाबों को ऐसे स्थान पर बनाया जाए जहां पर पानी का स्रोत उपलब्ध हो। उन्होंने कृषि और उद्यान विभाग को भरसार उद्यानिकी और वानिकी विश्वविद्यालय से समन्वय स्थापित करते हुए स्थानीय परिस्थिति के अनुरूप कृषि व उद्यान में नये प्रयासों को अमल में लाने के निर्देश दिये। इसी के साथ उन्होंने थलीसैंण तहसील के अंतर्गत ग्राम योजना जल्लू में आलू बीज उत्पादन से संबंधित कार्यों में किये गये खर्च के ब्यौरों तथा यहां पर बीज उत्पादन का वास्तविक आउटकम के संबंध में विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।
पर्यटन क्षेत्र में बेहतर आउटकम प्राप्त करने के लिए उन्होंने राफ्टिंग व वाहन संचालकों का आपसी तालमेल बनाते हुए पर्यटन विभाग को कार्य करने के निर्देश दिये। जिला प्रशासन ने सचिव महोदय को सुझाव दिया कि प्राकृतिक आपदा अथवा मानसूनी बरसात से क्षतिग्रस्त होने वाले भवनों की मरम्मत अथवा उसके निर्माण के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना तथा दीनदयाल आवास योजना के अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया जाए ताकि सभी को आवश्यकता के अनुरूप क्षतिग्रस्त भवन को तत्काल सुधार अथवा निर्माण के लिए धनराशि सहायता के रूप में उपलब्ध करायी जा सकें।
सचिव ने विकासखण्ड दुगड्डा के दाथा में हौज व गूल निर्माण कार्यों तथा राष्ट्रीय ग्रामीण व शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत विभिन्न समूहों के चिन्हीकरण और ऋण वितरण की जांच करवाने के निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त सचिव ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि योजना बनाते समय उसकी व्यवहारिकता, आउटकम तथा व्यक्ति विशेष के लाभ की जगह सामाजिक लाभ का ध्यान रखें तथा योजना का क्रियान्वयन इस तरह से करें कि स्थानीय दशाओं के अनुकूल भी फिट हो तथा समय के साथ-साथ उसकी उपयोगिता भी बरकरार बनी रहे।
इस दौरान जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने सचिव महोदय को अवगत कराया कि उनके द्वारा दिये गये निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा।
बैठक में जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान, डीडीओ मनविंदर कौर, सीएमओ डॉ प्रवीण कुमार, अधीक्षण अभियन्ता लोनिवि पीएस बृजवाल, अधीक्षण अभियंता जल निगम मो0 मिशम, सीईओ दिनेश चन्द्र गौड़, डीएसटीओ राम सलोने सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी भी उपस्थित थे।