हरिद्वार का अधिकांश क्षेत्र राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क से सटा होने के कारण और हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों की सुरक्षा के दृष्टिगत राजाजी पार्क क्षेत्र में अलर्ट जारी किया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान पार्क क्षेत्र में 24 घंटे गश्त के लिए, गश्ती दल बनाया गया है। वहीं पार्क क्षेत्र में कोई भी घटना होने पर त्वरित एक्शन लेने के लिए क्यूआरटी टीम का भी गठन किया गया है।
कांवड़ मेले के दौरान कांवड़िए हरिद्वार, ऋषिकेश सहित उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों पर बने पौराणिक मंदिरों, धार्मिक स्थलों पर दर्शन करने जाते हैं। ऋषिकेश के नीलकंठ मंदिर में भी कांवड़िए पार्क क्षेत्र से होकर जाने वाले मार्गों से पहुंचते हैं। ऐसे में वन्य जीवों से खतरा हो सकता है।
हरिद्वार जिला प्रशासन भी इस साल कांवड़ यात्रा में चार करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों के हरिद्वार गंगाजल लेने पहुंचने का अनुमान लगा रहा है। कावड़ियों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए पार्क में अलर्ट जारी किया गया है। कांवड़ियों की सुरक्षा के लिये पार्क प्रशासन ने इस दफा अतिरिक्त तैयारियां की है
सड़क पर आ जाते हैं हाथी और गुलदार :हरिद्वार में आए दिन जंगली जानवर रिहायशी इलाकों का रुख करते हैं। ऐसे में कांवड़ यात्रा के दौरान जंगली जानवरों से खतरा हो सकता है। शिकारी हो सकते हैं सक्रिय: कांवड़ यात्रा के दौरान जंगली जानवरों की सुरक्षा पार्क प्रशासन की प्राथमिकता में है। कांवड़ यात्रा में कांवड़ियों की बड़ी संख्या का फायदा जंगली शिकारी भी उठा सकते हैं। जंगली जानवरों की सुरक्षा और शिकार की घटना को रोकने के लिए पार्क क्षेत्र में 24 घंटे गश्त किया जाएगा।
इसके लिए पार्क प्रशासन ने गश्ती दल बनाया है। पार्क में अलर्ट जारी किया गया है। कांवड़ यात्रा के दौरान पार्क में 24 घंटे गश्त की जाएगी। क्यूआरटी टीम भी बनाई गई है। पार्क की गौहरी और चीला रेंज में कांवड़ियों का ज्यादा दबाव रहता है। सुरक्षा के दृष्टिगत कांवड़ियों से अपील है कि वह यात्रा के दौरान जंगल में प्रवेश न करें।
अनिल पैन्यूली, रेंजर, राजाजी पार्क चीला रेंज