बाघों की तादात के लिए विश्वविख्यात कॉर्बेट में पालतू हाथियों का डाटा भी एकत्रित किया जाएगा। इसके लिए विशेषज्ञों की टीम पार्क के 16 हाथियों की उम्र, उनकी बीमारी, व्यवहार, क्षमता आदि का पता लगा रही है। इसके बाद टीम पार्क में बनाए गए टाइगर सेल में पहली बार हाथियों का डाटा अंकित करेगी।
इससे एक क्लिक में ही हाथियों के बारे में जानकारी मिल सकेगी। अब तक टाइगर सेल में बाघों की जानकारी ही मिलती थी। कॉर्बेट में पालतू हाथी, बाघ सहित अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते आ रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि अतिसंवेदनशील यूपी सीमा पर पालतू हाथियों से ही वन कर्मचारी गश्त करते हैं।
मौजूदा समय में 16 पालतू हाथी कॉर्बेट के पास हैं। पार्क निदेशक राहुल ने बताया कि नौ हाथी पांच साल पहले कर्नाटक से लाए गए थे, बाकी कॉर्बेट में ही वर्षों रह रहे हैं। कई बुजुर्ग हाथियों को बेहतर ढंग से कॉर्बेट पाल रहा है। उनके भोजन से लेकर स्वास्थ्य पर एक विशेषज्ञ की टीम नजर रखती है।
उन्होंने बताया कि हाथियों की उम्र, उनकी क्षमता, उत्पन्न होने वाली बीमारियों आदि की पहचान कर टाइगर सेल में जानकारी रखी जाएगी। जरूरत पड़ने पर एक क्लिक पर ही पालतू हाथियों के बारे में पता लग सकेगा। जल्द ही विशेषज्ञों की टीम पर काम शुरू कर देगी।
आशा-अलबेल दोस्ती की मिसाल
कॉर्बेट में पालतू हाथियों का अलग ही परिवार है। इनमें आशा व अलबेली की दोस्ती हर किसी की जुबां पर रहती है। दोनों एक साथ खाती हैं, गश्त में भी साथ जाती हैं। दोनों ने आदमखोर बाघ को मारने में शिकारियों का सहयोग किया है। गश्त दल में ये दोनों हथिनियां ही नेतृत्व करती हैं।
कर्नाटक की हथिनियां बढ़ा रही कुनबा
कर्नाटक से लाई गई हथिनियों में से एक ने कुछ साल पहले बच्चे को जन्म दिया था। उसका नाम पार्क प्रशासन ने सावन रखा है। बताया जा रहा है कि दूसरी हथिनी भी पार्क प्रशासन को जल्द खुश खबरी दे सकती है।
टाइगर सेल में पालतू हाथियों की भी जानकारी रखी जाएगी। इससे पहले टाइगर सेल में बाघों का डाटा रखा जाता रहा है। हाथियों की जानकारी टाइगर सेल में होने से एक क्लिक पर ही पूरी जानकारी मिल जाएगी।
राहुल, निदेशक कॉर्बेट