हल्द्वानी : उत्तराखंड की राजनीति में पेंशन लगवाने वाले मुख्यमंत्री के तौर पर भी जाने वाले पूर्व सीएम हरीश रावत ने एक बार फिर इस मुद्दे को चर्चाओं में ला दिया है। बेटे व कांग्रेस प्रदेश महासचिव आनंद रावत का हवाला देते हुए उन्होंने युवाओं से अपील की है कि वह भी गरीब व मजलूमों की आवाज बने। अगर किसी पात्र की पेंशन नहीं लगी है तो पेंशन लगवाने का बीड़ा उठाए। जो भी युवा इस काम को करेगा। उसकी वीडियो को वह फेसबुक के माध्यम से पोस्ट कर अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के फेसबुक पेज पर दस लाख से ज्यादा लोग जुड़े हैं। इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म के जरिये रावत अक्सर तमाम मुद्दों पर अपनी राय रखते हैं। साथ ही विरोधियों पर शब्द बाण चलाने का कोई मौका नहीं छोड़ते। वहीं, पूर्व सीएम के बेटे आनंद ने हाल में हल्द्वानी के गफूर बस्ती निवासी 69 वर्षीय कौशल्या व एक अन्य बुजुर्ग रिक्शा चालक विजय आर्य की पेंशन लगवाने में मदद की । कागजी प्रक्रिया पूरी न होने व अफसरों द्वारा मदद को लेकर उदासीनता दिखाने की वजह से पेंशन का मामला अटका था।
हरदा ने फेसबुक पर लिखा कि वर्तमान राजनीति बाजारवाद से प्रभावित होने की वजह से धनबल का हस्तक्षेप बढ़ गया है। और पोस्टर व होर्डिंग की राजनीति ने युवाओं की कर्मठता व जुझारूपन को कुंद कर दिया है। पूर्व सीएम ने लिखा कि मैंने अपने कार्यकाल में समाज के वंचित व अंतिम व्यक्ति के लिए कई तरह की पेंशन योजना शुरू की थी। किसान पेंशन, बौना पेंशन, जगरिया-डंगरिया व परीत्यक्ता पेंशन इसका हिस्सा थी। इसलिए युवाओं से अपील करता हूं कि कहीं कोई बुजुर्ग या पात्र पेंशन से वंचित हो तो उसकी मदद को जरूर आगे आए।