बारिश के पानी से हल्द्वानी में भूजल स्तर को बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है। आर्टिफिशियल ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग सिस्टम की मदद से इस काम को किया जाएगा। जल संस्थान के अधिकारियों ने इसे लेकर कवायद शुरू कर दी है। नैनीताल रोड स्थित वॉकवे मॉल से तिकोनिया तक ये सिस्टम विकसित किया जाना प्रस्तावित है। करीब 2.5 किलोमीटर दूरी के बीच 100 अंडरग्राउंड होल किए जाएंगे। इनसे जमीन में पानी पहुंचाया जाएगा। हालांकि अभी इसकी सम्भावनाओं को तलाशने के लिए सर्वे कराने की तैयारी हो रही है।
दरअसल, हल्द्वानी में पेयजल आपूर्ति के लिए गौला नदी के बाद नलकूप ही स्रोत हैं। लेकिन गौला का जल स्तर गर्मियों में कम हो जाता है। वहीं भूजल स्तर भी गिरने लगता है। ऐसे में शहर में पेयजल आपूर्ति प्रभावित होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं बरसात के समय वॉकवे मॉल के पास वाला नाला उफान पर होता है और इसका पानी सड़क पर आ जाता है। इस वजह से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। बारिश के समय सड़क पर बहने वाले इस लाखों लीटर पानी को ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग के लिए प्रयोग किए जाने की योजना है। जल संस्थान के अधिकारियों ने इसके लिए करीब एक साल तक हल्द्वानी की भौगोलिक स्थिति और अन्य बिन्दुओं का अध्ययन किया है। इसके बाद बरसात के समय बर्बाद होने वाले इस पानी का सदुपयोग करने की योजना पर काम किया है।
सड़क पर नहीं बहेगा पानी ::
जल संस्थान की योजना से वाहन चालकों को भी फायदा होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि जब योजना तैयार हो जाएगी तो वॉकवे मॉल के पास नाले से सड़क पर आने वाला पानी अंडरग्राउंड हो जाएगा। सड़क पर पानी नहीं आने से वाहन चालकों को भी बरसात के समय बड़ी राहत मिलेगी।
लालकुआं से हल्द्वानी में भूजल स्तर नीचे ::
लालकुआं की अपेक्षा हल्द्वानी क्षेत्र में भूजल स्तर ज्यादा गहराई पर मिलता है। हल्द्वानी में 210 से 240 मीटर तक भूजल स्तर है, जबकि लालकुआं में 130 से 150 मीटर गहराई में पानी मिल जाता है। जानकारों के अनुसार इसकी वजह भौगोलिक दृष्टि से हल्द्वानी क्षेत्र का ऊंचाई पर होना है। ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग व्यवस्था की मदद से इस गैप को कम किया जा सकता है।
हल्द्वानी में भूजल स्तर गिरने की वजह ::
हल्द्वानी क्षेत्र का लगातार विस्तार हो रहा है। साल दर साल भवनों का निर्माण होने व नई सड़कें बनने से जमीन की ऊपरी सतह कंक्रीट युक्त हो रही है। इस वजह से बारिश का पानी जमीन के अंदर नहीं जा रहा है। ऐसे में भूजल स्तर गिर रहा है और नलकूप से सप्लाई पाने वाले क्षेत्रों में पानी की समस्या भी बढ़ रही है।
कोट :
आर्टिफिशियल ग्राउंड वाटर रिचार्जिंग सिस्टर के लिए पूर्व जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिये थे। इस पर अध्ययन किया गया था। जल्द इसकी सम्भावनाओं को लेकर विशेषज्ञों के साथ सर्वे किया जाएगा। – विशाल सक्सेना, अधीक्षण अभियंता
