मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए राज्य और जिला स्तर पर गठित होंगी टास्क फोर्स

मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए राज्य और जिला स्तर पर गठित होंगी टास्क फोर्स

देहरादून। उत्तराखंड में गहराते मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए अब शासन और विभाग गंभीरता से जुट गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन विभाग ने टास्क फोर्स के गठन का ड्राफ्ट तैयार कर शासन को भेज दिया है।

इसके मुताबिक राज्य और जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित की जाएंगी। प्रमुख सचिव वन आनंद बर्द्धन ने इसकी पुष्टि की। राज्य स्तरीय टास्क फोर्स की कमान प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव और जिला स्तर पर डीएफओ के पास रहेगी। शासन में इस ड्राफ्ट पर मंथन शुरू हो गया है और एक-दो दिन में आदेश जारी होने की संभावना है।

मुख्यमंत्री धामी ने बीते दिवस वन विभाग की समीक्षा बैठक में मानव-वन्यजीव संघर्ष और विशेषकर गुलदार के हमलों की रोकथाम के मद्देनजर टास्क फोर्स गठित करने के निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में विभाग की ओर से तैयार ड्राफ्ट में बताया गया है कि प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव की अध्यक्षता में गठित होने वाली राज्य स्तरीय टास्क फोर्स में गढ़वाल व कुमाऊं के मुख्य वन संरक्षक, अपर सचिव स्तर का एक अधिकारी शामिल होगा।

इसी तरह जिला स्तरीय टास्क फोर्स में चुनिंदा वनकर्मियों के साथ ही वन एवं ग्राम पंचायत के स्वयंसेवी भी रखे जाएंगे। शासन के निर्देश पर विभाग अब टास्क फोर्स के लिए मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) तैयार करने में जुटा है।

वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल ने बताया कि एसओपी तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसमें टास्क फोर्स की जिम्मेदारी, रिस्पांस टाइम, उपकरण, ट्रेंकुलाइज विशेषज्ञ, पिंजरा, वाहन आदि की व्यवस्था को समाहित किया जा रहा है। मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए नवीनतम तकनीकी का उपयोग, जनजागरण समेत कई बिंदु इसमें शामिल किए गए हैं।

प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन से भी निगरानी

प्रमुख मुख्य वन संरक्षक ने बताया कि गुलदार समेत दूसरे वन्यजीव आबादी की तरफ रुख न करें, इसके लिए मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा है। इसके तहत प्रत्येक गांव में विभाग की ओर से दो-चार स्वयंसेवक रखे जाएंगे, जो तत्काल सूचना देने का काम करेंगे। साथ ही ग्रामीणों को जागरूक भी करेंगे। इसके साथ ही गुलदार प्रभावित क्षेत्रों में ड्रोन से भी निगरानी की जाएगी।

जनता से भी अपील की जाएगी कि वे सतर्क व सावधान रहें। जिन क्षेत्रों में गुलदार का मूवमेंट है, तब तक वहां जाने से बचने को कहा जाएगा, जब तक कि गुलदार को उस क्षेत्र से हटा नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा कि यदि किसी क्षेत्र में विभागीय स्तर पर कोई लापरवाही की बात आती है तो ऐसे मामलों में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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