इस बार मुख्यमंत्री धामी के कुशल मैनेजमेंट की भी परीक्षा

इस बार मुख्यमंत्री धामी के कुशल मैनेजमेंट की भी परीक्षा

हल्द्वानी : भाजपा के लिए कुमाऊं की 29 सीटें बेहद अहम हैं। इन सीटों पर नजरें इसलिए भी अधिक हैं। क्योंकि सीएम पुष्कर सिंह धामी भी कुमाऊं के खटीमा विधानसभा क्षेत्र से हैं। उनके सामने बड़ी चुनौती थी। जहां उन्हें टिकट वितरण होते ही बागियों को शांत करने के थी, वहीं अधिक से अधिक सीटों पर विजय हासिल कराने की थी। यह विधानसभा चुनाव सीएम धामी के कुशल मैनेजमेंट के लिए बेहद अहम साबित होगा।

मुख्यमंत्री धामी के कई करीबियों को भी प्रत्याशी बनाया गया था। इसलिए भी उनकी जिम्मेदारी ज्यादा बड़ी हो जाती है। कपकोट व द्वाराहाट में चुनाव लडऩे वाले भाजपा प्रत्याशी सीएम के करीबी हैं। इस सीट पर पार्टी में बगावत के सुर भी उभरने लगे थे, लेकिन इसे शांत करा दि या गया। इसके अलावा सीएम ने जागेश्वर, अल्मोड़ा समेत अन्य कई सीटों पर भी कुशल प्रबंधन का परिचय दिया था। अब उनके विजय हासिल करने के लिए इस प्रबंधन की परीक्षा के परिणाम का इंतजार है। इसके अलावा तमाम चुनौती थी। एक तो कांग्रेस से दिग्गज नेता, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष व पूर्व सीएम हरीश रावत भी कुमाऊं के लालकुआं सीट से चुनावी रण में उतरे।

वहीं दूसरा, सीएम के बार-बार बदलने से उत्पन्न असहज स्थिति की थी। वह स्वयं भी छह महीने से ही सीएम पद पर हैं। इसके बावजूद सीएम विधानसभा चुऩाव 2017 को दोहराने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटे रहे। तब 2017 में भाजपा ने 29 में से 23 सीटें हासिल की थी। यानी कि प्रचंड बहुमत मिला था। तब पार्टी ने किसी को भी सीएम चेहरा घोषित नहीं किया था। इस बार धामी को चेहरा घोषित किया है। इसलिए भी सीएम धामी का यह प्रबंधन महत्वपूर्ण हो गया है। मिशन-2022 फतह के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दो दिन कुमाऊं में रहना पड़ा। इसके अलावा एक दिन उन्होंने वर्चुअल सभा की। राष्ट्रीय स्तर के तमाम अन्य स्टार प्रचारक भी उतारे गए।

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