यूक्रेन संकट: कारोबार पर वॉर की मार, हैंडीक्राफ्ट के ऑर्डर होने लगे निरस्त 

यूक्रेन संकट: कारोबार पर वॉर की मार, हैंडीक्राफ्ट के ऑर्डर होने लगे निरस्त 

यूक्रेन पर रूस के हमले का असर उद्योगों पर नजर आने लगा है। हैंडीक्राफ्ट के सामान के ऑर्डर कैंसिल होने लगे हैं। अनुमान के मुताबिक रुड़की से यूक्रेन के लिए सालाना करीब पांच करोड़ का हैंडीक्राफ्ट का सामान निर्यात होता है। जिन उद्योगों पर सीधा असर नहीं पड़ा है वह भी कच्चे तेल और अन्य जरूरी चीजों के दाम बढ़ने से आशंकित हैं।

यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उद्योगों की चिंता फिर से बढ़ गई है। उद्यमियों का कहना है कि अब विश्व में कहीं भी स्थिति बिगड़ती है तो उसका असर सब जगह पड़ता है। रुड़की स्मॉल स्केल इंडस्ट्री एसोसिशन से जुड़े केतन भारद्वाज बताते हैं कि करीब पंद्रह उद्योगों से रुड़की से यूक्रेन को हैंडीक्राफ्ट का सामान निर्यात किया जाता है।

बताया कि उनके पास भी कुछ ऑर्डर थे। क्रिसमस के बाद यह ऑर्डर आते हैं। वह सामान तैयार करने में जुटे थे कि गुरुवार को उनके पास यूक्रेन से ऑर्डर देने वाले की मेल आयी कि अभी स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए ऑर्डर को रोकना पड़ा है। बताया कि करीब पांच करोड़ का हैंडीक्राफ्ट का निर्यात यूक्रेन को होता है। जब तक हालात सामान्य नहीं होते तब तक असर पड़ेगा।

रुड़की-भगवानपुर फार्मा एसोसिएशन के अध्यक्ष कुलदीप सिंह का कहना है कि यूक्रेन और रूस से यहां का फार्मा उद्योग नहीं जुड़ा है। लेकिन जब कहीं भी हालात खराब होते हैं तो रॉ मैटेरियल के दाम बढ़ जाते हैं। जो पहले से ही तेज चल रहे हैं। बताया कि पिछले एक सप्ताह में ही एल्युमिनियम के दाम बढ़ गए हैं। पहले यह 310 का आता था तो अब 360 तक पहुंच गया है।

गुरुवार को ही एक ही दिन में दाम में बीस रुपये की बढ़ोत्तरी हुई। पैकेजिंग के लिए उद्योगों को इसकी जरूरत पड़ती है। भगवानपुर इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के महासचिव गौतम कपूर का कहना है कि उद्योगों पर इन चीजों का असर पड़ता है। भले ही आपका आयात-निर्यात संबंधित देश से जुड़ा हो या न हो। 

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