हल्द्वानी : राजकीय मेडिकल कालेज परिसर में रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से तैयार अस्थायी कोविड अस्पताल अब हट जाएगा। करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से बने अस्पताल का एक्सटेंशन का समय भी पूरा हो गया है। कर्मचारियों को पहले ही हटा दिया गया था।
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जब हर जगह मारामारी थी। अस्पताल मरीजों से फुल हो गए थे। उपकरणों की कमी हो गई थी। तब भारत सरकार ने डीआरडीओ की मदद से अस्थायी कोविड अस्पताल बनाए गए। राज्य में हल्द्वानी के अलावा ऋषिकेश में दो अस्पताल बनाए गए थे।
पूरी तरह अस्थायी अस्पताल छह महीने के लिए ही थी। इसका बजट करीब 40 करोड़ रुपये बताया गया। 500 बेड के इस अस्पताल के तैयार होने तक कोरोना की दूसरी लहर का असर भी कम हो गया था। डा. सुशीला तिवारी राजकीय अस्पताल में बेड खाली होने लगे थे। इसके बावजूद इसमें कुछ मरीजों को ही भर्ती किया गया।
दो बार दिया गया विस्तार
जनरल बीसी जोशी के नाम से तैयार किए गए अस्थायी कोविड अस्पताल का वर्चुअल उद्घाटन जून 2021 में तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने किया था। पहले छह महीने का विस्तार दिया गया और फिर तीन महीने का। यह समय भी 31 मार्च, 2022 को पूरा हो गया।
कर्मचारी कर रहे आंदोलन
अस्थायी कोविड अस्पताल में करीब 70 से अधिक अस्थायी कर्मचारी रखे गए थे। उन्हें भी हटा दिया गया है। ये कर्मचारी अब बुद्ध पार्क में आंदोलन कर रहे हैं। सीएमओ नैनीताल डा. भागीरथी जोशी ने बताया कि अस्थायी अस्पताल का अनुबंध पूरा हो गया है। इसकी उपयोगिता भी नहीं है। इसके उपकरण स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध होंगे। बाद में जहां भी इनका उपयोग होगा, उपलब्ध करा दी जाएगी।