केदारनाथ यात्रा में हेलीकॉप्टर के लिए ब्लैक टिकटिंग को रोकने के लिए इस बार जिला प्रशासन ने कड़ी निगरानी कर रहा है। हेलीकॉप्टर सेवा के नोडल अधिकारी के द्वारा हेली कंपनियों के काउंटर का प्रतिदिन निरीक्षण के साथ टिकट बुकिंग की रिपोर्ट मांगी जा रही है। साथ ही यात्रियों से भी फीडबैक लिया जा रहा है। वहीं, जिलाधिकारी कार्यालय से भी हेलीकॉप्टर सेवा की मॉनीटरिंग की जा रही है।
केदारनाथ के लिए इस वर्ष 6 हेली कंपनियों के द्वारा गुप्तकाशी, फाटा व शेरसी से हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन किया जा रहा है। 23 दिनों में हेलीकॉप्टरों के द्वारा अलग-अलग हेलीपैड से दो तरफा 3526 शटल की गई हैं। इस दौरान 18961 यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे हैं। जबकि बाबा केदार के दर्शन कर 18578 यात्री वापस भी लौटे हैं।
प्रतिदिन हेलीकॉप्टर से ढाई सौ से अधिक शटल हो रही हैं। इस बार खास बात यह है कि अभी तक किसी भी हेली कंपनी के द्वारा टिकट ब्लैक नहीं किए गए हैं। क्योंकि प्रशासन द्वारा तैनात नोडल अधिकारी/जिला पर्यटन व सहासिक खेल अधिकारी सुशील नौटियाल द्वारा प्रत्येक हेली कंपनी के बुकिंग काउंटर से प्रतिदिन की टिकट बुकिंग रिपोर्ट मांगी जा रही है।
साथ ही गुप्तकाशी से शेरसी तक वे दिन में कम से कम दो से तीन कंपनियों के कार्यालय में दो से तीन घंटे बैठकर वहां की व्यवस्थाओं का जायजा ले रहे हैं। यही नहीं, नोडल अधिकारी द्वारा हेलीकॉप्टर से धाम जाने व लौटने वाले यात्रियों से फीडबैक भी लिया जा रहा है, जिसके माध्यम से व्यवस्था को और दुरस्त करने का प्रयास किया जा रहा है।
साथ ही पुलिस द्वारा भी हेलीपैड व हेली कंपनियों के कार्यालयों से निरंतर संपर्क बना हुआ है। इधर, जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा में ब्लैक टिकटिंग को लेकर अभी तक कोई मामला प्रकाश में नहीं आया है। इसके लिए नोडल अधिकारी बधाई के पात्र हैं। यात्रा कंट्रोल रूम से हेली सेवा की नियमित मॉनीटरिंग की जा रही है।
2019 में छह मुकदमे हुए थे दर्ज
केदारनाथ यात्रा में हेली कंपनियों की मनमानी, ब्लैक टिकटिंग और यात्रियों के साथ अभद्रता नई बात नहीं है। वर्ष 2019 में ऑनलाइन बुकिंग के नाम पर एजेंटों के माध्यम से कई हेली कंपनियों ने मोटी कमाई का प्रयास भी किया। इस दौरान यात्रियों की शिकायत पर सोनप्रयाग, फाटा व गुप्तकाशी पुलिस कोतवाली/चौकी व थाना में मुकदमे भी दर्ज किए गए थे। तब, जांच के बाद पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया था। वर्ष 2017 व 2018 में भी इस तरह के 10 से अधिक मामलों में सात लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।