बैंक भर्ती  में बोर्ड, अधिकारियों और निबन्धक कार्यलय ने जमकर किया खेला!

बैंक भर्ती में बोर्ड, अधिकारियों और निबन्धक कार्यलय ने जमकर किया खेला!

देहरादून। जिला सहकारी बैंक (डीसीबी) में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती में बैंकों के बोर्ड और अधिकारियों ने खूब धांधली की। उन्होंने न सिर्फ भर्ती प्रक्रिया में अपने हिसाब से बदलाव कर दिए, बल्कि कई जगह पात्र अभ्यर्थियों के नंबर भी बदल दिए ताकि अपात्र अभ्यर्थियों को पास किया जा सके भर्ती की जांच रिपोर्ट सचिव सहकारिता के पास पहुँच चुकी है। सचिव सहकारिता आजकल अवकाश पर है माना जा रहा है उनके छुट्टी से लौटते ही बैंक के बोर्ड और कई अधिकारियों का निलंबन तय है।

डीसीबी भर्ती घोटाले में तीनों जिलों में हुई भर्ती में चयन समितियों की भूमिका संदेह के घेरे में है। शासन के सूत्रों के अनुसार, चयन समिति में शामिल जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, महाप्रबंधक और सहायक निबंधक सहकारिता की भूमिका संदिग्ध पाई गई। है। समितियों ने अभ्यर्थियों के चयन के बाद फाइल चयन सेवा मंडल को भेजी, लेकिन इसमें बैठे अधिकारियों ने भी आंख मूंदकर फाइल आगे बढ़ा दी। ऐसे में अब चयन सेवा मंडल के अधिकारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

तीनो जिला सहकारी बैंक में चतुर्थश्रेणी के लगभग 150 पदों पर हुई भर्तियां हुईं थी सूत्रों के अनुसार जिन अभ्यर्थियों का चयन किया गया था उनमे प्रत्येक अभ्यर्थी से 10 से 15 लाख रुपए लिए गए थे जिसमें लगभग 10 से 15 करोड़ रुपए का यह भर्ती घोटाला हुआ है! सूत्र बताते है इन रुपये की गर्मी की आंच बैंक बोर्ड अधिकारियों से लेकर निबन्धक कार्यलय तक पहुँची है क्योंकि अनुमोदन निबन्धक कार्यालय से ही हुआ है सूत्रों के अनुसार जांच खुलते ही पूरी भर्ती निरस्त होगी। और ये बैंक बोर्ड वह कई अधिकारी निलंबित होंगे।

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