दिशाओं में गूंज रही डा धन सिंह रावत की जय जयकार

दिशाओं में गूंज रही डा धन सिंह रावत की जय जयकार

एक दो तीन चार, मंत्री जी की जय जयकार

रोटी की गरज किसी भी चाहत के अस्तित्व को गौण कर देती है। समय की शिलाओं पर भी सिर्फ यही गरज अमिट है। और जो इस गरज के सपने को हकीकत में बदल दे उसकी जय जयकार तो लाजमी ही है।

ऐसा पहली बार हुआ जब स्वास्थ्य विभाग में खाली पड़े पदों पर नियुक्तियों की पहल हुई। और वर्षों से प्रशिक्षण हासिल कर घर में बैठे युवाओं का नौकरी का इंतजार हुआ। आज नर्सिंग अधिकारियों से लेकर अन्य पदों पर प्रदेश में तकरीबन 15 सौ से अधिक युवाओं ने अपनी सेवाएं शुरू कर दी हैं। उत्साहित युवा अब स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत की जय जयकार कर रहे हैं। विभिन्न जनपदों के कई स्थानों पर लगे कटऑउट व होर्डिंग भी चयनितों की ओर से अपने मंत्री के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं।

नौकरी हासिल करने वाले अथ्यर्थियों की खुशी का अंदाजा सहज की लगाया जा सकता है।
किसी भी पाठ्यक्रम का प्रशिक्षण के बाद सरकारी सेवा की उम्मीद ही प्राथमिकता में रहती है। युवाओं से बातचीत में साफ होता है कि प्रशिक्षण के बाद भी तमाम वर्षों तक उनके हाथ में निराशा ही थी। वह अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों व प्रशिक्षणों का उदाहरण देते हैं जहां कोर्स करने के बाद बड़ी तादाद में युवा निजी उपक्रमों में अपना भविष्य तरासने की असफल कोशिशें कर रहे हैं। कईयों ने अवसाद का चोला ओढ़ संबधित क्षेत्र को ही अलविदा कहने में ही समझदारी समझी।

बातचीत में चयनित युवा कहते हैं कि स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के कुशल नेतृत्व में उनकी उम्मीदों को पर लगे और आज उन्हें मंजिल हासिल हो गई है। वह कहते हैं कि मंत्री जी की सकारात्मक सोच व दृढ़इच्छा शक्ति से उनकी स्कूली पढ़ाई से लेकर व्यावसायिक प्रशिक्षण का उन्हें सुफल मिल गया है।

वह कहते हैं कि यूं तो बीते दशकों में स्वास्थ्य महकमा कई बड़े नेता व नियंताओं के हाथों में रहा, लेकिन शायद तब कमजोर इच्छाशक्ति और निर्णय क्षमता का अभाव कार्यशैली पर हावी रहा। आज डा धन सिंह रावत के नेतृत्व में उनके सपने साकार हो गए हैं, उनकी जय जय कार करती आवाजों को कभी नहीं दबाया सकता। वह कहते हैं कि डा धन सिंह रावत जैसे कर्मयोगी की जय जयकार की गंूज लंबे समय तक गूंजती रहेगी।

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