डेढ़ साल बाद सभी के लिए खुलेगी भारत-नेपाल सीमा, विदेशी पर्यटकों को कोरोना जांच के बाद मिलेगा प्रवेश

डेढ़ साल बाद सभी के लिए खुलेगी भारत-नेपाल सीमा, विदेशी पर्यटकों को कोरोना जांच के बाद मिलेगा प्रवेश

कोरोना के कारण करीब डेढ़ साल से बंद भारत-नेपाल सीमा खोलने के लिए नेपाल सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारत-नेपाल के अलावा अन्य देशों के लोगों के लिए भी सीमा कुछ शर्तों के साथ खोली जाएगी। नेपाल सरकार से सीमा खोलने की तिथि तय होने पर दोनों देशों के बीच वाहनों का संचालन भी बहाल हो सकेगा।

कोरोना काल में भारत-नेपाल सीमा 23 मार्च 2020 से सील थी। इस दौरान भारत-नेपाल के बीच विदेशी नागरिकों की आवाजाही बंद रही लेकिन इस वर्ष मार्च से भारत सरकार ने कोरोना जांच की शर्तों के साथ नेपाली नागरिकों को आने की इजाजत दी। इस कारण भारतीय सेना के नेपाली पेंशनरों और रोजगार की तलाश के लिए नेपाली नागरिक भारत आने लगे।

भारतीय नागरिकों के नेपाल जाने के लिए वहां पंजीकरण कराकर कोरोना निगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी है। इमिग्रेशन चेकपोस्ट अधिकारी इंद्र सिंह ने बताया कि नेपाल सरकार के दिशा निर्देश के तहत सीमा खोलने पर भारतीय नागरिक आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट दिखाकर नेपाल जा सकेंगे, लेकिन अन्य देशों के लोगों के बनबसा से नेपाल प्रवेश के लिए दो टीके लगे होने का प्रमाणपत्र, 72 घंटे पूर्व की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट जरूरी होगी। सीमा पर उनकी एंटिजन जांच भी होगी। कोरोना संक्रमित होने पर उन्हें नेपाल नहीं जाने दिया जाएगा।

बनबसा के रास्ते ही विदेशियों का आवागमन संभव
उत्तराखंड में केवल बनबसा में ही राज्य का एकमात्र इमिग्रेशन चेकपोस्ट है। राज्य में भारत-नेपाल के बीच भारत-नेपाल को छोड़ अन्य देशों के लोगों का आवागमन बनबसा के रास्ते ही संभव है। कोरोना काल से पूर्व इस सीमा से करीब चार से साढ़े चार हजार विदेशी पर्यटक भारत-नेपाल के बीच आवागमन करते थे, लेकिन सीमा सील के दौरान 23 मार्च 2020 से मार्च 2021 तक केवल एक नेपाली नागरिक ही भारत से नेपाल को गया, जिसे नेपाल प्रशासन ने अनुमति दी थी, जबकि सीमा सील के दौरान करीब सात विदेशी नागरिक ही नेपाल से भारत आए हैं। इनमें से कुछ एनआरआई तो कुछ विदेशी दूतावासों के अधिकारी थे, जिन्हें दोनों सरकारों ने विशेष अनुमति प्रदान की थी।

भारत-नेपाल सीमा पर खुला सहायता केंद्र

एसएसबी और नेपाल एपीएफ ने भारत-नेपाल सीमा पर संयुक्त सहायता केंद्र (हेल्प डेस्क) का शुभारंभ किया है। इसका उद्देश्य त्योहारों के दौरान सीमा से आवाजाही करने वालों को सहायता पहुंचाना है। त्योहारों के दौरान भारत नेपाल सीमा पर प्रतिवर्ष सहायता केंद्र स्थापित किया जाता रहा है लेकिन कोरोना के कारण पिछले वर्ष सीमा सील होने से सहायता केंद्र भी नहीं बनाया गया था।

एसएसबी 57वीं वाहिनी के असिस्टेंट कमांडेंट गजेंद्र कुमार ने बताया कि भारत-नेपाल सीमा पर पिलर संख्या सात (805/1/7) के पास नोमैंस लैंड पर खोले गए संयुक्त सहायता केंद्र को एसएसबी, नेपाल की एपीएफ संचालित कर रहे हैं। एपीएफ के इंस्पेक्टर पदम सिंह भंडारी ने सहायता केंद्र का शुभारंभ किया।

उन्होंने बताया कि दशहरे, दीपावली, छठ पूजा तक सहायता केंद्र को शुरू किया जाएगा। इसके अलावा, सहायता केंद्र शुरू करने से सीमा पर वाहन चालकों की मनमानी, गंतव्य तक न पहुंचाने, यात्रियों को बरगलाने, लूटपाट की घटनाओं पर भी अंकुश लगेगा।

अन्य खबर