कठूली की मानसी थामेंगी उत्तराखंड का डिफेंस

कठूली की मानसी थामेंगी उत्तराखंड का डिफेंस

पौड़ी जनपद के विकास खंड खिर्सू के अंतर्गत पड़ने वाले राजकीय इंटर कालेज कठूली से बहुत ही उत्साहित करने वाली खबर आई है। यहां की एक बालिका अंडर 17 फुटबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करेंगी। इस प्रतिभा का नाम मानसी चौहान है और यह कठूली से सटे गांव जाख की रहने वाली है।

यूं तो नेशनल अंडर 17 फुटबॉल में हर साल बच्चे प्रतिभाग करते हैं। और अपनी प्रतिभा को साबित भी करते हैं। लेकिन कठूली की मानसी चाहौन जिन ग्रामीण विकटताओं का लोहा लेते हुए आगे बढ़ रही है वह उसे अन्य प्रतिभाओं से निश्चित रूप से अलग करती है।

मानसी ग्रामीण परिवेश के ऐसे परिवार जहां आजीविका की चिंता चौबीसों घंटे दिमाग पर छाई रहती है। कठूली के क्षेत्र पंचात सदस्य धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि संघर्ष ही गांवों और उसके ग्रामीणों की पहचान है। मानसी के पिता लक्ष्मण सिंह मनरेगा की योजनाओं मंे काम करते हैं। यानी संघर्ष में आजीविका ही पहले है। लेकिन यहां लोग विषम परिस्थितियों को परास्त कर अवसर पैदा करने हौसला रखते हैं।

मानसी ने पहले ब्लाक फिर जनपद और उसके बाद राज्य स्तर पर स्वयं को साबित कर अखिल भारतीय स्पर्द्धा के लिए अपना स्थाना बनाया है। जबकि किसी तरह का खास प्रशिक्षण की तो यहां कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। इस चयन से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है।

उत्तराखंड की यह प्रतिभा इसी माह बिहार में होने वाली राष्ट्रीय की प्रतियोगिता में राज्य फुटबॉल टीम का हिस्सा होंगी। मानसी मैदान में हॉफ डिफेंस खेलती हैं, अपने फारवर्ड को प्रॉपर सप्लाई और विपक्ष के आक्रमण को रोकने में उसका हौसला और तनकीकी दीवार की भांति बताई जाती है।
मानसी में फुटबॉल को लेकर एक जुनून सा है। यह उत्साह उसके लिए कुदरत की नेमत की तरह है। हालांकि खराब हालातों में सिर्फ जुनून ही प्रभावी नहीं होता इसके लिए जानकारी का होना भी जरूरी होता है। खेल की तकनीकी के साथ साथ बॉल पर कब कैसे और कितनी पॉवर लगेगी, स्कूल के काबिल खेल शिक्षकों के प्रयासों से इसे भी वह काफी हद तक जान गई है। इसके लिए राजकीय इंटर कालेज कठूली के खेल शिक्षक भी साधुवाद के पात्र हैं।

बहरहाल मानसी के चयन से पूरे क्षेत्र में खुशी का माहौल है। बहुत बहुत बधाई।

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