कार्बेट टाइगर रिजर्व के बहुचर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट की सीईसी के लिए दो हजार पन्नों का जवाब तैयार

कार्बेट टाइगर रिजर्व के बहुचर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट की सीईसी के लिए दो हजार पन्नों का जवाब तैयार

देहरादून : कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में पाखरो टाइगर सफारी, अवैध कटान व निर्माण के बहुचर्चित मामले में सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीईसी) के लिए शासन ने लगभग दो हजार पृष्ठ का जवाब तैयार किया है। इसमें उन सभी बिंदुओं का विस्तार से ब्योरा है, जिनके बारे में सीईसी ने जानकारी मांगी है।

साथ ही लालढांग-चिलरखाल मार्ग के लिए वन भूमि हस्तांतरण, वित्तीय स्वीकृति समेत अन्य बिंदुओं की जानकारी भी इसमें समाहित की गई है। शासन के आला अधिकारी बुधवार को दिल्ली में होने वाली सीईसी की बैठक में यह जवाब सौंपेंगे।

सीईसी ने 29 अप्रैल को हुई बैठक में कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों के वासस्थल वाले क्षेत्र में टाइगर सफारी, इसके लिए पेड़ों का स्वीकृति से अधिक संख्या में कटान, बाड़ों के निर्माण, पाखरो से कालागढ़ वन विश्राम गृह तक हुए विभिन्न निर्माण कार्यों को लेकर कड़ा रुख अपनाया था।

साथ ही उत्तराखंड शासन से इस प्रकरण से जुड़े कई बिंदुओं पर ब्योरा मांगा। बैठक का कार्यवृत्त मिलने के बाद शासन ने वन विभाग से जवाब तैयार कराया। उच्च स्तर पर मंथन के बाद अब इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।

सूत्रों के अनुसार सीईसी ने जो भी जानकारी मांगी है, उसका विस्तृत ब्योरा जवाब में शामिल है। इसका मुख्य भाग 20-25 पृष्ठ का है, लेकिन जवाब के साथ बड़ी संख्या में संलग्नक लगाए हैं। इसके चलते यह लगभग दो हजार पृष्ठ का हो गया है।

सूत्रों ने बताया कि जवाब में टाइगर सफारी और कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग में अवैध निर्माण व अवैध कटान के मामले में स्पष्ट किया गया है कि इसमें नीचे से लेकर उच्च स्तर तक हर जगह नियमों की अनदेखी की गई।

अवैध निर्माण भले ही ढहा दिए गए हैं, लेकिन इनके लिए कोई वित्तीय अथवा प्रशासनिक स्वीकृति नहीं ली गई। जवाब के साथ पाखरो के रेंजर से लेकर कालागढ़ टाइगर रिजर्व के तत्कालीन डीएफओ व कार्बेट टाइगर रिजर्व के तत्कालीन निदेशक के साथ ही वन विभाग के तत्कालीन मुखिया, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव व मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की टू-डायरी के पृष्ठ भी शामिल किए गए हैं।

सूत्रों ने बताया कि सीईसी ने बुधवार को टाइगर सफारी के सिलसिले में नीति तय करने के उद्देश्य से दिल्ली बैठक बुलाई है। इसमें सचिव वन और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक शामिल होंगे। इसी बैठक में सीईसी को जवाब भी सौंपा जाएगा।

उत्तराखंड