गंगोत्री में 2 लाख वीं 5 जी साइट का शुभारंभ

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी एवं केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के पवित्र धाम गंगोत्री में संपूर्ण देश के 2 लाख वीं 5जी साइट का शुभारंभ किया। साथ ही संपूर्ण देश की आस्था के केंद्र चारधाम (बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री ) में फाइबर कनेक्टिविटी (ऑप्टिकल फाइबर ) के कार्य का शुभारंभ भी किया। जिससे चार धाम को सीधे तौर पर 5-G नेटवर्क से आच्छादित किया जा सकेगा। मोबाइल / इंटरनेट नेटवर्क की गुणवत्ता में सुधार से चार धाम मंदिर परिसरों के आस पास श्रद्धालुओं को बेहतर कॉल कनेक्टिविटी वीडियो कॉल इंटरनेट कनेक्टिविटी की उपलब्धता हो सकेगी। इस दौरान उनके द्वारा चार धाम फाइबर कनेक्टिविटी एवं 5 जी के विस्तार पर आधारित लघु फिल्म का अवलोकन किया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के डिजिटल परिदृश्य में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिये केंद्रीय संचार एवं रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज देवभूमि आने वाले श्रद्धालुओं को 5 जी के तौर पर एक शानदार उपहार मिल रहा है। चारधाम में से एक गंगोत्री धाम में 5जी सेवाओं की 2,00,000वीं साइट में 5जी सेवाएं प्रारंभ हो रही हैं। यह सेवा न केवल चार धाम यात्रा के लिए लाभकारी सिद्ध होगी बल्कि आसपास के क्षेत्र के गांवों में संचार सेवा के विस्तार के लिए भी मील का पत्थर साबित होगी। यह देवभूमि में “संचार के अनंत आकाश“ की शुरूआत भी है, जो 21वीं सदी के विकसित होते भारत के सामर्थ्य का परिचय भी कराता है।

उन्होंने कहा कि हमने पहाड़ में हाई स्पीड नेटवर्क का कभी जो सपना देखा था, वह आज सच साबित हो रहा है क्योंकि इस सुविधा के प्रारंभ होने से प्रदेश के साथ ही देश-विदेश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले लाखों तीर्थयात्री हाई-स्पीड डेटा नेटवर्क का लाभ उठा सकेंगे। इससे चारधाम यात्रा के दौरान डिजास्टर मैनेजमेंट, सर्विलांस और रियल टाइम बेसिस पर यात्रा की निगरानी रखने में हमें सहायता मिलेगी। आज अधिकतर मोबाइल फोंस पर “मेड इन इंडिया“ लिखा होना हमारे लिये गर्व की बात है। भविष्य की वायरलैस टेक्नोलॉजी को डिजाइन करने में और उससे जुड़ी मैन्युफैक्चरिंग में भी हमारे देश की बड़ी भूमिका होगी। 5-G के साथ भारत पहली बार टेलीकॉम टेक्नॉलजी में ग्लोबल स्टेंडर्ड तय कर रहा है।

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