पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों से बेहाल प्रदेशवासियों को जल्द राहत मिलने के संकेत हैं। सत्तारूढ़ दल भाजपा सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर वैट (मूल्य वर्धित कर) कम करने का सुझाव दिया है। प्रदेश में पेट्रोल की प्रति लीटर कीमत 100 रुपये को पार कर चुकी है। विपक्ष पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ती कीमत को लेकर लगातार दबाव बना रहा है। केंद्र सरकार भी इस संबंध में राज्यों को वैट कम करने का सुझाव दे चुका है। दरअसल, पेट्रोल व डीजल पर वैट कम करना राज्य सरकार के लिए आसान नहीं होता। आमदनी के लिहाज से उत्तराखंड के संसाधन बेहद सीमित हैं। वहीं कोरोना संकट ने राज्य को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाया है।पेट्रोल और डीजल से राज्य को तकरीबन 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा सालाना राजस्व मिलता है। इस आमदनी के बूते ही सरकार को कर्मचारियों के वेतन-भत्तों और पेंशन के भुगतान में मदद मिल रही है।पेट्रोल पर वर्तमान में 25 फीसद वैट या 19 रुपये प्रति लीटर, जो भी अधिक हो, वसूल किया जाता है। डीजल पर वैट 17.48 फीसद या 10.41 रुपये प्रति लीटर, जो भी ज्यादा हो, लिया जा रहा है। पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमतों का असर महंगाई पर दिखाई दे रहा है। ऐसे में प्रदेश भाजपा ने सरकार को पेट्रोल व डीजल पर वैट कम करने का सुझाव दिया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक ने सरकार को सुझाव देने की पुष्टि की। सत्तारूढ़ दल के इस सुझाव को अहम माना जा रहा है। माना जा रहा है कि सरकार इस सुझाव को देखते हुए वैट कम करने पर विचार कर सकती है।