नैनीताल। आज कुमाऊं में सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। डरकर लोग घरों से बाहर निकल आए। हालांकि अभी तक कहीं से किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं आई है। भूकंप का केंद्र चमोली में धरती के पांच किमी अंदर रहा। साथ ही इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.7 मैग्नीट्यूड रही। लोगों में दोबारा से भूकंप आने का डर बना हुआ है। सुबह से लोग दहशत के साए में जी रहे हैं।
नैनीताल
सरोवर नगरी में भी सुबह पांच बजकर 58 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह झटके करीब तीन चार सेकेंड तक महसूस किए गए। भूवैज्ञानिक प्रो सीसी पंत के अनुसार भूकंप का केंद्र चमोली था, और इसकी तीव्रता 4.7मैग्नीट्यूड रही, जो मध्यम दर्जे की कम गहराई में होने की वजह से झटके महसूस किए गए। प्रो पंत के अनुसार मेन सेंट्रल थ्रस्ट में हलचल से यह भूकंप आते रहते हैं। मेन सेंट्रल थ्रस्ट धारचूला, मुनस्यारी दक्षिण से कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, नेपाल तक जाती है। यह ग्रेट व लेसर हिमालय का मिलान है।
उत्तराखंड में धरती की 15 से 25 मीटर गहराई से भूकंप आते रहे हैं। सैफ किया कि इससे घबराने की बात नहीं है। इस तरह के भूकंप आते रहते हैं, सम्भव है, कम गहराई की वजह से झटके महसूस किए गए। उधर शहर में भूकंप के झटके महसूस होने पर जो लोग उठे तो एकाएक डर गए। मल्लीताल के व्यवसायी अमरप्रीत सिंह के अनुसार जब भूकंप आया घर की आलमारी व बेड घरेलू सामान तक हिलने लगा। यह तीन चार सेकेंड तक चलता रहा।
रामनगर
सुबह सवा छह बजे भूकम्प के हल्के झटके महसूस किए गए। किसी तरह के कोई नुकसान की सूचना नहीं है।
चम्पावत
पहाड़ में भी 5:59 पर भूकंप के लगे झटके। करीब पांच सेकेंड तक धरती डोली। फिलहाल अभी तक किसी तरह के कोई नुकसान की सूचना नहीं है।
पिथौरागढ़
सीमांत के जिले में भी हल्का झटका महसूस किया गया। उच्च हिमालयी जिला भूकंप के लिहाज से काफी संवेदनशील है। हालांकि भूकंप केंद्र दूर होने के कारण झटके तीव्र नहीं थे। फिर भी लोग डरे हुए हैं। अभी पिछले महीने ही बादल फटने से कई घर व सड़कें प्रभावित हुई थीं। इसके बाद भूकंप ने लोगों को काफी डरा दिया है।