स्कूलों में एडमिशन को बदले नियम,अब बिना टीसी के भी दाखिला ले सकेंगे छात्र

स्कूलों में एडमिशन को बदले नियम,अब बिना टीसी के भी दाखिला ले सकेंगे छात्र

ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) देने में आनाकानी कर रहे प्राइवेट स्कूलों ने अभिभावकों और उनके बच्चों की सिरदर्द बढ़ाई हुई है। बढ़ती महंगाई के कारण जो बच्चे सरकारी स्कूलों में दाखिला लेना चाह रहे हैं वह काफी परेशान हैं। इस समस्या को देखते हुए फिलहाल शिक्षा विभाग ने टीसी की अनिवार्यता से राहत दे दी है।

अफसरों की मानें तो सरकारी स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा तक दाखिला लेने के इच्छुक छात्र अब केवल घोषणापत्र देकर प्रवेश ले सकते हैं। प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों की टीसी समय पर निर्गत न किए जाने के मामले 2020 के बाद से बढ़े हैं। कोरोना संक्रमण के कारण उस समय प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले 70 से 80% बच्चे फीस जमा नहीं कर सके थे।

आर्थिक तंगी के कारण कई बच्चों ने सरकारी स्कूलों का रुख किया। दाखिले के दौरान टीसी/सीसी अनिवार्य तौर पर जमा करनी होती है। लेकिन इस बीच प्राइवेट स्कूल प्रबंधनों ने शर्त रख  दी कि टीसी उन्हीं बच्चों को निर्गत की जाएगी, जो फीस जमा करेंगे। ऐेसे में मजबूरी में इन बच्चों को या  तो फीस जमा करनी पड़ी या फिर उसी स्कूल में पढ़ाई जारी रखनी पड़ी। ऐसा ही अगले साल यानी 2021 में भी हुआ।

शिक्षा विभाग के अफसरों की मानें तो सरकार राइट टू एजुकेशन (शिक्षा का अधिकार) अधिनियम के तहत सभी बच्चों को स्कूलों में दाखिला दिलाने का प्रयास कर रही है। निर्देश मिले हैं कि इस सत्र में यदि किसी छात्र का दाखिला टीसी के बिना रुक रहा हो तो उसे घोषणापत्र के आधार पर दाखिला दिया जाए। घोषणापत्र में छात्र को भविष्य में टीसी जमा करने की बात लिखनी होगी।

प्राइवेट स्कूलों के सामने खड़ी हुई परेशानी
मामले में जब प्राइवेट स्कूल प्रबंधकों से बात की गई तो उनका कहना था कि उनके स्कूलों में अब भी करीब 20 से 25% बच्चे ऐसे पढ़ रहे हैं जिन्होंने बीते दो साल की फीस पूरी जमा नहीं की है। उनके अभिभावकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्हें फीस किस्तों में जमा करने की छूट दी गई है। लेकिन जब से शिक्षा विभाग द्वारा अपने स्कूलों में घोषणापत्र के आधार पर बच्चों को दाखिला दिया जा रहा है तब से प्राइवेट स्कूलों से बच्चे धीरे-धीरे गायब होने लगे हैं।

दो साल बाद भी कई बच्चों ने फीस जमा नहीं की है। जबकि फीस भरनी अनिवार्य है। कई स्कूलों से सैकड़ों बच्चे बिना फीस जमा किए ही लंबे समय से अनुपस्थित चल रहे हैं।
मंजू जोशी, प्रधानाचार्य यूनिवर्सल कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल हल्द्वानी    

राइट टू एजुकेशन के तहत सरकार के स्पष्ट निर्देश हैं कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। कई बार ऐसे भी मामले सामने आए जिसमें टीसी न होने के कारण बच्चों को स्कूलों में दाखिला मिल पाने में दिक्कत हुई। इसी को ध्यान में रखते हुए घोषणापत्र के आधार पर स्कूलों में दाखिला दिलाने के निर्देश उच्च स्तर से प्राप्त हुए हैं। 
एचबी चंद, जिला शिक्षा अधिकारी (बेसिक) नैनीताल

उत्तराखंड