राज्य में हो रहा है मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का विस्तार,हरिद्वार के भगवानपुर में तीसरे सायलेज प्लांट का भूमि पूजन

राज्य में हो रहा है मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना का विस्तार,हरिद्वार के भगवानपुर में तीसरे सायलेज प्लांट का भूमि पूजन

देहरादून, 19 मई 2023
हरिद्वार के भगवानपुर में सहकारिता विभाग की परियोजना तीसरा प्लांट लगाने की इबारत लिखने जा रही है, उत्तराखंड राज्य के पर्वतीय जनपदों में मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना की सफलता से साइलेज परियोजना के विस्तार हो रहा है।

हरिद्वार जिले के भगवानपुर में सहकारिता विभाग के एआर श्री राजेश चौहान और अन्य अधिकारियों द्वारा सायलेज प्लांट का भूमि पूजन किया गया। पर्वतीय किसानों को फायदा देने के लिए यह दूरगामी ऐतिहासिक कदम था!
हरिद्वार में 11 एमपैक्स के माध्यम से मक्का की खेती की जा रही है। हरिद्वार की भगवानपुर में करीब 150 एकड़ में मक्के की खेती तैयार है 20 जून तक प्लांट स्थापित करने के लिए परियोजना द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। यहाँ कुल 750 एकड़ जमीन पर मक्के की खेती की जा रही है।

गौरतलब है कि सहकारिता विभाग की राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना
ने देहरादून के सहसपुर ब्लॉक के अंतर्गत शंकरपुर और छरबा में सायलेज प्लांट 2019-20 में स्थापित किये गए थे।

राज्य समेकित सहकारी विकास परियोजना के नोडल अधिकारी व सायलेज फेडरेशन के एमडी श्री आनंद शुक्ल ने बताया कि गत वर्ष देहरादून जनपद के सहसपुर , विकासनगर, हरबर्टपुर, हुरावाला नत्थनपुर पीलियो में 2049 एकड़ में मक्के की खेती हुई थीं जिसका दोनों प्लांट से करीब 22 हज़ार टन सायलेज वैज्ञानिक ढंग से बना कर मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना के तहत राज्य के समस्त पर्वतीय जनपदों में भेजा गया। जिससे 175 बहुद्देशीय सहकारी समितियों के साथ साथ पर्वतीय किसान लाभान्वित हुए।

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने परियोजना के अधिकारियों को वर्ष 2023-24 में 50 हज़ार टन सायलेज तैयार करने का टारगेट दिया है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि मौजूदा वर्ष में पर्वतीय क्षेत्रों में ढाई लाख से 3 लाख किसान साइलेज से लाभान्वित होने चाहिए। इसी दिशा में परियोजना के अधिकारी आगे बढ़ रहे हैं।

हरिद्वार के भगवानपुर में शंकरपुर और छरबा जैसे प्लांट स्थापित करने के लिए भूमि पूजन कार्य हुआ।हरिद्वार में इस वर्ष 750 एकड़ में मक्के की खेती की जा रही है। परियोजना तीसरे प्लांट स्थापित करने की ओर अग्रसर हैं। हरिद्वार से सायलेज तैयार कर सीधे पर्वतीय जनपदों को भेजा जाएगा।

को-ओपरेटिव विभाग के शासन में सचिव व परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक
डॉक्टर बीवीआरसी पुरुषोत्तम इस वर्ष 50 हज़ार टन सायलेज बनाने के लक्ष्य के साथ नीतिगत और तमाम समीक्षा बैठक आयोजित कर आगे बढ़ रहे हैं।उन्होंने बताया कि,
500 केजी के बेल ( बैग) की जगह अब 1 टन के बेल भेजे जायेंगे। इससे परिवहन और अन्य बचत होगी।

मुख्यमंत्री घसियारी कल्याण योजना राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना है। इससे पर्वतीय जनपदों की महिलाओं को सुविधा मिल रही है। सायलेज में उत्तराखंड सरकार 75% अनुदान दे रही है। देश और हिमालयी राज्यों में उत्तराखंड अकेला राज्य है जहां महिलाओं को जंगलों से घास का बोझ लाने की जगह सरकार उनके आंगन में ही सायलेज की सुविधाएं दे रही हैं। पर्वतीय जनपदों में 175 बहुउद्देशीय सहकारी समितियों के माध्यम से साइलेज पहुंचाना सरकार का वास्तव में बड़ा काम है!

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