सब्सिडी के प्रस्तावों के परीक्षण के निर्देश

 औद्यौगिक क्षेत्र सिगड्डी-कोटद्वार में उद्यमियों की मूलभूत समस्याओं के निराकरण में बैंकर्स और विभाग दिखाएं तत्परता’’

‘‘औद्यौगिक प्रोत्साहन नीति 2008 तथा एमएसएमई नीति-2015 के अंतर्गत विद्युत प्रतिपूर्ति दावे ब्याज उपादान दावों तथा परिवहन उपादान प्रतिपूर्ति दावे की सब्सिडी के प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षण के मुख्य कोषाधिकारी को दिये निर्देश’’

‘‘मानक के अनुरूप उद्योग स्थापना के लिए दी गयी भूमि का अनुकूलतम उपयोग के साथ-साथ पर्यावरणीय मानक तथा रोजगार प्रदान करने की प्रक्रियाओं का बेहतर अनुपालन सुनिश्चित किया जाय’’

      उपरोक्त दिशा-निर्देश जिलाधिकारी डॉ0 आशीष चौहान ने कलेक्ट्रेट सभागार में जिला उद्योग मित्र समिति की आयोजित बैठक में विभिन्न विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने ग्रोथ सेंटर सिगड्डी, कोटद्वार में सड़क मरम्मत, फूटपाथ की सफाई व मरम्मत, स्ट्रीट लाइट लगाने व सही तरह से कार्यशील करवाने, जंगल की साइड बाउण्ड्रीवाल बनाने तथा औद्यौगिक क्षेत्र में ए0टी0एम0, साफ-सफाई, शौचालय इत्यादि आधारभूत सुविधाओं को बढ़ाने के लिए उद्योग विभाग, बैंकर्स, उद्योग एसोसिएशन तथा संबंधित अधिकारियों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये।
      उन्होंने विशेष एकीकृत औद्यौगिक प्रोत्साहन नीति-2008 (यथा संशोधित 2011) के तहत उद्यमों को ससमय प्राप्त ब्याज उपादान (सब्सिडी) दावे 38, 145 रूपये प्रति इकाई प्रति वर्ष की धनराशि का तथा ससमय प्राप्त विद्युत प्रतिपूर्ति दावे की 6 इकाईयों की कुल 20, 64, 838 रूपये की धनराशि का और एमएसएमई नीति-2015 के अंतर्गत उपादान प्रस्तावों की स्वीकृति के अंतर्गत ससमय प्राप्त ब्याज उपादान (सब्सिडी) दावे में कुल 62 ईकाईयों की 90, 33, 997 रूपये की धनराशि, ससमय प्राप्त विद्युत प्रतिपूर्ति दावे में कुल 32 इकाईयों की कुल 1, 91, 29, 474 रूपये की धनराशि का तथा ससमय प्राप्त परिवहन उपादान (सब्सिडी) प्रतिपूर्ति दावे में कुल 2 इकाईयों की 7, 21, 534 रूपये की धनराशि की सब्सिडी के प्राप्त प्रस्तावों के परीक्षण के मुख्य कोषाधिकारी को निर्देश दिये।
     जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों और उद्यमियों को निर्देशित किया कि उद्यम स्थापना के सभी मानकों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जाय। सरकार द्वारा भूमि जिस उद्यम स्थापना के लिए जिस मात्रा में की गयी है उसी के लिए उसका उपयोग सुनिश्चित हो तथा सामाजिक-कार्पोरेट उत्तरदायित्वों(सीएसआर) का भी अनुपालन सुनिश्चित हो। उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि औद्यौगिक मानकों के जिन प्रावधानों में शासन से अथवा किसी विभाग विशेष से यदि मार्गदर्शन अपेक्षित प्रतीत होता है तो उस संबंध में मार्गदर्शन लिया जाय।
      जिलाधिकारी ने औद्यौगिक संघ सिगड्डी तथा औद्यौगिक विभाग को डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट पर इण्डस्ट्री का पोर्टल तैयार कर डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट पर लिंक कराने के संबंध में अग्रिम कार्यवाही के निर्देश दिये। औद्यौगिक संघ पिडकुल द्वारा ग्रोथ सेंटर में उत्पादित होने वाली जड़ी-बूटी की सूची कृषि व उद्यान विभाग से उपलब्ध कराने की पूर्व में मांग की गयी थी, जिसको अभी तक उपलब्ध न कराने के चलते तथा आयुक्त कोटद्वार के बैठक में अनुपस्थित रहने के चलते जिलाधिकारी ने उक्त अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिये। उन्होंने औद्यौगिक क्षेत्र में सालिड वेस्ट मैनेजमेंट का बेहतर तरिके से निस्तारण करने के लिए आयुक्त कोटद्वार, उपजिलाधिकारी तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया।
      अंत में जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों और उद्योग प्रतिनिधियों से कहा कि औद्यौगिक क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के विकास के साथ-साथ मानक के अनुरूप उद्योग संचालित किये जायें जिससे लोग निवेश हेतु अधिक आकर्षित हों तथा स्थानीय लोगों को रोजगार के अधिक अवसर प्रशस्त हो सके।
      बैठक में मुख्य कोषाधिकारी गिरीश चंद्र, महाप्रबंधक उद्योग कोटद्वार शैलेंद्र डिमरी, सिडकुल मैन्युफैक्चरिंग एसोशिएशन के अध्यक्ष सुनील गुप्ता, व सचिव विवेक चौहान, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी के0एस0 नपल्चयान, उरेडा अधिकारी राजेश्वरी सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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