पिरान कलियर आने वाले जायरीनों की संख्या पर पाबंदी हटी, रजिस्ट्रेशन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी

पिरान कलियर आने वाले जायरीनों की संख्या पर पाबंदी हटी, रजिस्ट्रेशन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी

साबिर पाक के सालाना उर्स में पिरान कलियर आने वाले जायरीनों को प्रशासन ने छूट दी है। बाहर से आने वाले जायरीनों के लिए पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आरटीपीसीआर रिपोर्ट जरूरी है। वहीं सूफी संतों को दिया जाने वाला पारंपरिक लंगर बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।साबिर पाक के सालाना उर्स में देशभर से जायरीन कलियर पहुंचते हैं। शासन ने इस बार भी कोविड की गाइडलाइन के अनुसार उर्स कराए जाने की अनुमति दी थी। उर्स में रोजाना केवल 800 जायरीनों को दरगाह में जियारत के लिए अनुमति दी गई थी। हाईकोर्ट से चारधाम यात्रियों की संख्या सीमित करने वाली बाध्यता खत्म होने पर हरिद्वार जिला प्रशासन ने कलियर के सालाना उर्स में भी जायरीनों की संख्या से पाबंदी हटा दी है। जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने पिरान कलियर उर्स को लेकर भी गाइडलाइन में तब्दीली की गई है।

डीएम के अनुसार अब कितने भी लोग दूसरे राज्यों से उर्स में शामिल हो सकते हैं। जायरीनों के पास सिटीजन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन और आरटीपीसीआर की रिपोर्ट होनी चाहिए। वहीं सूफी संतों और जायरीनों को दिए जाने वाले लंगर को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है। उर्स के दौरान जायरीनों और सूफी संतों की संख्या बढ़ने पर दरगाह का पारंपरिक लंगर तीन गुना तक बढ़ा दिया जाता है, लेकिन इस बार गाइडलाइन में लंगर को आम दिनों के बराबर संचालित करने के निर्देश दिए गए थे। इससे उर्स में आने वाले हजारों जायरीन को लंगर से महरूम रहना पड़ सकता है।

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