टिहरीः उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन- 2023

टिहरीः उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन- 2023

’’जनपद टिहरी गढ़वाल में 85 से अधिक कम्पनियां 11 सौ करोड़ से अधिक का निवेश करने हेतु तैयार

टिहरीः उत्तराखण्ड वैश्विक निवेशक सम्मेलन- 2023 के तहत बुधवार को जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव का विधिवत् दीप प्रज्जवलित कर शुभारंभ किया गया। इस मौके पर कैनिनेट मंत्री/जनपद प्रभारी मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया।

गंगा रिजॉर्ट (जी.एम.वी.एन.) मुनि की रेती, टिहरी गढ़वाल में आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि आज उद्यमी उत्तराखण्ड में निवेश करने में उत्साह दिखा रहे हैं और इसका बड़ा आधार यहां का वातावरण, पर्यावरण, नैसर्गिक सौन्दर्य के साथ ही शांति एवं कानून व्यवस्था, ट्रांसपोर्टेशन, विद्युत, रेलवे लाइन, उड़ान सेवा आदि हैं, जो उद्यमियों को आकर्षित कर रहा है।उत्तराखण्ड में लैंड बैंक हेतु 600 एकड़ भूमि निकाली गई है।
जनपद प्रभारी मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि जनपद में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। हाल ही में कोटी कालोनी में ‘‘टिहरी एक्रो फेस्टिवल‘‘ सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। इसके साथ ही नरेंद्रनगर में जी-20 की दो अंतर्राष्ट्रीय स्तर की बैठकें सम्पन्न हुई हैं। आने वाले समय में टिहरी झील क्षेत्र वैश्विक स्तर पर आर्कषण का केन्द्र होगा। उन्होंने जनपद टिहरी को निवेश हेतु उद्यमियों के लिए अनुकूल बताते हुए कहा कि कॉन्क्लेव में प्राप्त सुझावों को गम्भीरता से लेते हुए समाधान की ओर बढ़ेगें।

विधायक देवप्रयाग विनोद कण्डारी ने कहा कि देश-प्रदेश के विकास हेतु ग्राम इकाई को मजबूत करना जरूरी है। उन्होंने छोटे-छोटे कुटीर उद्योगों के उद्यमियों एवं स्वयं सहायता समूहों का भ्रमण कार्यक्रम करवाने तथा नई पीढ़ी को सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही।

इस मौके पर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि जनपद में उद्यमियों द्वारा निवेश को लेकर बैठकें एवं एमओयू की प्रक्रिया चल रही है। उद्यमी जनपद में निवेश करने हेतु काफी उत्साहित है तथा जनपद को निवेश हेतु प्राप्त लक्ष्यों के सापेक्ष दोगुने प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। जिला स्तरीय मिनी कॉन्क्लेव में 85 से अधिक कंपनी निवेशकों से 11 सौ करोड़ से अधिक के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिसमें से 75 करोड़ से अधिक के 03 कंपनियों के 560 करोड़ के प्रस्ताव एमओयू हेतु शासन को भेजे जायेंगे तथा शेष प्रस्तावों पऱ निवेशकों द्वारा हामी भरते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

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