सहकारिता विभाग के निबंधक और उपनिबंधक एक माह में हर जिले की पांच समितियां में सहकारिता संवाद करेंगे: धन सिंह रावत

सहकारिता विभाग के निबंधक और उपनिबंधक एक माह में हर जिले की पांच समितियां में सहकारिता संवाद करेंगे: धन सिंह रावत

सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि सहकारिता के निबंधक व सभी उपनिबंधक हर जिले के प्रत्येक ब्लॉक में हर माह पांच – पांच समितियों में सहकारिता संवाद स्थापित करेंगे।

आज मंगलवार को सहकारिता मंत्री डॉ धन सिंह रावत सहकारिता मुख्यालय मियांवाला देहरादून में समीक्षा बैठक में बोल रहे थे। सहकारिता संवाद में किसानों से बातचीत, एम पैक्स की इनकम और समस्या, कॉपरेटिव सेक्टर द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में
किसानों तथा लोगों को बताना शामिल हैं।

गौरतलब है कि पिछले दिनों में सहकारिता विभाग के निबंधक श्री आलोक कुमार पांडेय उपनिबंधक श्री नीरज बेलवाल उपनिबंधक श्री एमपी त्रिपाठी, उपनिबंधक श्री मान सिंह सैनी ने दो – दो जिलों की करीब एक एक दर्जन समिति का निरीक्षण किया था। जिसमें उन्होंने समिति से जुड़े लोगों से संवाद किया और समस्या जानी।

राज्य की समितियों का निरीक्षण कर लौटे अधिकारियों ने समीक्षा बैठक में बताया कि काफी समिति अच्छा काम कर रही हैं। कुछ मिनी बैंक में कर्मचारियों ने जानकारी के अभाव में जमा धन एफडीआर के बजाय बचत खाते में रखा हुआ है। जिससे किसानों को ब्याज में नुकसान हो रहा है।

सहकारिता मंत्री डॉ ने कहा कि अब हर माह में 5 – 5 समितियों में आला अधिकारी निरीक्षण कर सहकारिता संवाद करेंगे।

उन्होंने निर्देश दिए गए कि प्रत्येक जनपद के प्रत्येक ब्लॉक से सम्बन्धित सहायक विकास अधिकारी व अपर जिला सहकारी अधिकारी सम्बन्धित ब्लॉक की कलस्टरवार सहकारी खेती तथा अदरक, हल्दी, लैमन ग्रास, शहद आदि गतिविधियों पर आधारित कलस्टर का चयन कर वहाँ के किसानों से संवाद करेंगे।

सहकारिता मंत्री डॉ रावत द्वारा निर्देशित किया गया कि जिला सहकारी बैंक की शाखाओं तथा सहकारी समितियों के माध्यम से वितरित किये जाने वाले व्याजरहित ऋण का share certificate सम्बन्धित लाभार्थी को दिया जाए तथा ए.जी.एम. में
प्रस्ताव कर किसानों / लाभार्थी को प्राप्त लाभांश उनको नकद रूप में दिया जाए।

उन्होंने निर्देश दिए गये कि प्रदेश के प्रत्येक ब्लॉक में सहायक विकास अधिकारी (एडीओ ) सहकारिता की नियुक्ति की जाए तथा मण्डल स्तर पर स्थानान्तरण का अधिकार मण्डलीय उप निबन्धक, सहकारी समितियां उत्तराखण्ड को प्रदान किया जाए। उल्लेखनीय है कि
उप निबंधक उतर प्रदेश में अधिकार से लैस थे। वह अधिकार बहाल करने के लिए मंत्री ने सचिव कॉपरेटिव को निर्देश दिए

डॉ रावत ने कहा कि, कैडर सचिव सेवा नियमावली के सम्बन्ध में निर्देश दिए गए कि नियमावली के सम्बन्ध में शासन स्तरपर लम्बित पत्रावली अग्रेत्तर कार्यवाही कर आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्तुत किया जाए जिससे सहकारी समितियों में रिक्त कैंडर सचिवों के पद पर नियुक्तियाँ प्रारम्भ की जाए।

उन्होंने निर्देश दिए गए कि मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण योजनान्तर्गत सायलेज उत्पादक एवं विपणन सहकारी संघ लिo वितरित किए जा रहे साइलेज के गुणवत्ता एवं उत्पादकता में सुधार किया जाए। तथा जिला सहकारी बैंकों में की जाने वाली सभी नियुक्तियाँ आई०बी०पी०एस० के माध्यम से कराये जाए।

उन्होंने विभागीय ढांचे में उप निबन्धक, सहायक निबन्धक के पद बढ़ाये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित किये जाने के निर्देश दिए । प्रदेश की समस्त सहकारी समितियों की निजी भूमियों की रजिस्ट्री की जाए तथा प्रदेश की समस्त सहकारी समितियों के भवनों के रंगाई में एक रंग व डिजाईन का प्रयोग कर एकरूपता लायी जाए। सहकारिता मंत्री डॉ रावत ने प्रदेश में जनपदवार आमेलित की गयी समितियों को तत्काल आमेलित कर प्रदेश में एक न्याय पंचायत स्तर पर एक समिति के उद्देश्य से सहकारी समितियों की संख्या 670 रखी जाए।

सचिव सहकारिता डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने सहकारिता विभाग के समस्त अधिकारियों को निर्देश दिए कि वह समय से प्रस्ताव बनाएं और उस पर काम करें।

बैठक में सचिव डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम निबंधक श्री आलोक कुमार पांडेय, अपर निबंधक ईरा उप्रेती, उपनिबंधक श्री नीरज बेलवाल, उपनिबंधक श्री मंगला प्रसाद त्रिपाठी, उपनिबंधक मान सिंह सैनी , उपनिबंधक श्री अनिल कुमार गुप्ता सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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