कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सत्याल की छुट्टी, पिछले साल हरक सिंह को हटाकर दी थी जिम्मेदारी

कर्मकार बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सत्याल की छुट्टी, पिछले साल हरक सिंह को हटाकर दी थी जिम्मेदारी

शमशेर सिंह सत्याल को हटाने के साथ ही उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहीं हरिद्वार की उप श्रमायुक्त मधु नेगी चौहान से भी चार्ज ले लिया गया है। फिलहाल श्रम सचिव को बोर्ड का पदेन अध्यक्ष और पीसीएस अफसर अभिषेक त्रिपाठी को सचिव का कार्यभार दिया गया है।

पिछले वर्ष पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सरकार में बोर्ड के अध्यक्ष पद से हरक सिंह रावत को हटाते हुए शमशेर सिंह सत्याल को जिम्मेदारी दी गई थी। सत्याल के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से कर्मकार बोर्ड लगातार विवादों में रहा। कई विवादों के चलते सरकार भी असहज हुई। उधर, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत अंदरखाने लगातार अध्यक्ष पद से शमशेर सिंह सत्याल को हटाने का दबाव बना रहे थे। इस दौरान सत्याल और हरक के बीच काफी जुबानी जंग भी हुई थी। आखिरकार, 

ये थे मुख्य विवाद

  • बोर्ड से बांटी गईं साइकिलों के आवंटन की शिकायत शासन से की गई, जिस पर जांच बैठी।
  • कोटद्वार में ईएसआई अस्पताल के लिए बोर्ड से 20 करोड़ जारी हुए, जिसे सत्याल ने वापस लिया।
  • पूर्व बोर्ड में रखे गए 40 कर्मचारियों को अध्यक्ष सत्याल के कार्यकाल में बाहर कर दिया गया।
  • बोर्ड का विशेष ऑडिट कराया गया, जिस दौरान सामने आए तथ्यों की वजह से विवाद पैदा हुआ।
  • सत्याल व पूर्व अध्यक्ष एवं श्रम मंत्री हरक सिंह रावत के बीच जुबानी जंग भी विवाद का कारण बनी।
  • बोर्ड अध्यक्ष ने बोर्ड बैठक में शासन की ओर से तैनात सचिव को कार्यमुक्त करने का फैसला लिया।
  • बैंकों को बताया कि सचिव मधु नेगी चौहान कार्यमुक्त हो चुकी हैं, उनके हस्ताक्षर मान्य नहीं होंगे।

ऐसे उपजा बोर्ड में विवाद 
प्रदेश में वर्ष 2017 में प्रचंड बहुमत से सत्तासीन होने के बाद श्रम मंत्री डा हरक सिंह रावत बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी देख रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों के क्रम में शासन ने पिछले वर्ष अक्टूबर में हरक सिंह रावत को अध्यक्ष पद से हटाकर शमशेर सिंह सत्याल को अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। सत्याल को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र का करीबी माना जाता रहा है। हालांकि, तब श्रम मंत्री हरक सिंह ने उन्हें हटाने का विरोध किया था। बाद में त्रिवेंद्र सरकार ने बोर्ड का नए सिरे से गठन कर दिया। सत्याल की अध्यक्षता वाले बोर्ड ने नवंबर में पिछले बोर्ड के फैसले पलट दिए। 

त्रिवेंद्र और हरक दोनों को झटका
जानकारों के मुताबिक, श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने शमशेर सिंह सत्याल को बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने के लिए पूरी खुली जंग छेड़ दी थी। उन्होंने सरकार के स्तर पर इस मामले को कई बार उठाया। माना जा रहा है कि सत्याल को पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का संरक्षण प्राप्त था। शासन ने बोर्ड को भंग करके सत्याल को विदा कर त्रिवेंद्र को असहज किया तो वहीं मधु नेगी चौहान को सचिव पद से हटाकर हरक सिंह को भी झटका दिया।

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