देहरादून स्थित सैन्यधाम पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शहीद परिवारों का करेंगे सम्मान

देहरादून स्थित सैन्यधाम पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, शहीद परिवारों का करेंगे सम्मान

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बुधवार को सैन्यधाम में शहीद परिजनों का सम्मान करेंगे। इसके लिए वह देहरादून के सैन्यधाम पहुंचे हैं। यहां पहुंचकर राजनाथ सिंह ने शहीदों के आंगन की मिट्टी पर पुष्पांजलि अर्पित की।

उनके साथ सीएम पुष्कर सिंह धामी, केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट, विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत और टिहरी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह भी मौजूद रहीं। देहरादून के 204 शहीद परिजनों को सम्मानित किया जाएगा। सैन्यधाम के शहीद द्वार का नाम सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम पर रखा जाएगा।

उत्तराखंड का पांचवां धाम
विधानसभा स्थित कक्ष में मीडिया से बातचीत में सैनिक कल्याण मंत्री ने कहा कि सैन्यधाम के रूप में उत्तराखंड का पांचवां धाम विकसित किया जाएगा। जिसमें प्रदेश के शहीदों की यादों को संजोकर रखा जाएगा। सैन्यधाम के लिए 1734 शहीदों के आंगन की मिट्टी को लाया गया है। जिसे अमर जवान ज्योति की बुनियाद में लगाया जाएगा। 63 करोड़ की लागत से बनने वाले सैन्यधाम में शहीद जसवंत सिंह और हरभजन सिंह के मंदिर बनाए जाएंगे।

धाम में अमर जवान ज्योति, म्यूजियम, थियेटर, गन, टैंक प्रमुख आकर्षण का केंद्र होंगे। मंत्री ने कहा कि 15 नवंबर 2021 को चमोली के स्वाड गांव से शहीद सम्मान यात्रा शुरू की गई थी। जिसका गुनियाल गांव में समापन होगा। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट और सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इसका शुभारंभ किया था।

शहीद सम्मान यात्रा के जरिये 95 ब्लॉकों के 1734 शहीद परिवारों से संपर्क कर उनके आंगन की मिट्टी को पवित्र कलश में यहां लाया गया है। मंत्री ने कहा कि 50 बीघा में बनने वाला धाम दो साल के भीतर बनकर तैयार हो जाएगा। यहां भी अखंड ज्योति प्रज्वलत रहेगी।

सैन्यधाम के लिए रास्ते का मामला सुलझा 
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सैन्यधाम के लिए रास्ते के मामले को सुलझा लिया गया है। करीब चार सौ मीटर तक अन्य लोगों को भी रास्ते पर अधिकार दिया जाएगा। जबकि इसके आगे का रास्ता सैन्यधाम का निजी रास्ता होगा। मंत्री ने कहा कि रास्ते में अन्य लोगों की साढ़े आठ बीघा जमीन आ रही है। इसके बदले उन्हें दूसरी जगह जमीन दी जाएगी। इसके लिए उन लोगों की सहमति ले ली गई है।

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