यूपी-उत्तराखंड के रेल यात्रियों को मिलने वाली है बड़ी राहत, मुरादाबाद-देहरादून के बीच चौबीस कोच की ट्रेनें दौड़ेंगी

यूपी-उत्तराखंड के रेल यात्रियों को मिलने वाली है बड़ी राहत, मुरादाबाद-देहरादून के बीच चौबीस कोच की ट्रेनें दौड़ेंगी

यूपी-उत्तराखंड के रेल यात्रियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। दून जाने वाले यात्रियों को सीट न होने की कमी नहीं खलेगी। रेलवे देहरादून के लिए चौबीस कोच की ट्रेन चलाने की तैयारी में है। गुरुवार को उत्तराखंड सरकार और रेलवे की उच्चस्तरीय बैठक में रेल परियोजनाओं को गति देने के लिए बुलाई गई बैठक में यह बिन्दु मुख्य एजेंडे भी रहा। रेल व सरकार ने क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थति को देखते हुए अब लंबी दूरी की कनेक्टविटी पर भी गौर किया। इसके लिए देहरादून या हर्रावाला स्टेशनों को नए तरीके से विकसित करने पर जोर है। हालांकि ट्रेन की लंबाई जितने स्टेशन या लूप न लाइन न होने समेत अन्य पहलुओं को लेकर विभाग व सरकार गंभीर है। इस तरह से आम ट्रेनों की तुलना में छह कोच बढ़ने से रोज सैकड़ों यात्रियों को सफर में आसानी होगी।

उत्तराखंड जाने वाले यात्रियों को अब रेल सफर सुहाएगा। न ट्रेन में मारामारी होगी और न वेटिंग का झंझट। देहरादून के लिए अभी 18 कोच की ट्रेन संचालित है। पर ट्रेन में कोचों की संख्या बढ़ाने पर मंथन हुआ है। रेलवे का कहना है कि सैलानी की जरुरत की मांग के मद्देनजर लंबी ट्रेन चलेंगी। 24 कोच की ट्रेन की वजह चारधाम यात्रा है। रायवाला व डोईवाला महत्वपूर्ण स्टेशन है। प्रसिद्ध राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरते है। यही से ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन शुरू होगी।

गुरुवार को उत्तराखंड में रेल परियोजनाओं के विस्तार व गति देने के लिए तमाम पहलुओं पर मंथन हुआ। राज्य के मुख्य सचिव व उत्तर रेलवे के जीएम समेत मुरादाबाद के डीआरएम समेत अन्य अफसरों ने रेल परियोजनाओं को अमल में लाने को देहरादून स्टेशन को आधुनिक बनाने जैसा प्रस्ताव है। नजदीकी स्टेशन हर्रावाला को भी विकसित करने पर जोर है। कोशिश है कि देहरादून के लिए लंबी दूरी के यात्री को देहरादून के लिए सीधी कनेक्टिवटी मिल सकें।

उत्तराखंड राज्य के संग रेल संचालन को रफ्तार देने को विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की गई। देहरादून के लिए 24 कोच की ट्रेन चलाने पर विचार हुआ है। सरकार के संग इस पर समन्वय स्थापित होने के लिए सैद्धांतिक सहमति बनी है। हालांकि इस क्षेत्र में वन्यजीव व राजाजी पार्क होने से भौगोलिक परिस्थतियों पर गौर किया गया।

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