दीपावली त्योहार को लेकर बदरीनाथ धाम को 17 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। एक भक्त की ओर से धाम को फूलों से सजाने की जिम्मेदारी ली गई है। धाम को चारों ओर से फूलों से सजाया गया है। प्रतिवर्ष दीपावली पर बदरीनाथ धाम को फूलों से सजाया जाता है।
दीपावली पर बदरीनाथ धाम में दीपोत्सव के तहत माता लक्ष्मी और कुबेर भगवान की पूजा की जाती है। धाम परिसर में दीये जलाए जाते हैं। धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल का कहना है कि बदरीनाथ धाम ही एक मात्र स्थल है, जहां पर माता लक्ष्मी व कुबेर की एक साथ पूजा की जाती है। वहीं उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) चार नवंबर को बदरीनाथ धाम के दर्शन करेंगे। जिलाधिकारी हिमांशु खुराना ने बताया कि राज्यपाल बदरीनाथ हेलीपैड पहुंचेंगे। राज्यपाल बदरीनाथ धाम के दर्शन करेंगे। इसके पश्चात वे देश के अंतिम गांव में स्थित गढ़वाल स्काउट के कैंप में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। दोपहर बाद राज्यपाल हेलीकॉप्टर से देहरादून रवाना होंगे।
चारधाम तीर्थयात्रियों की संख्या रिकॉर्ड चार लाख से ज्यादा पहुंच गई है, जिसमें से अकेले दो लाख से अधिक तीर्थयात्री अब तक केदारनाथ धाम पहुंचे हैं।
चारधाम यात्रा बस टर्मिनल ऋषिकेश और हरिद्वार बस अड्डे से तीर्थयात्री चारधामों को प्रस्थान कर रहे हैं। ऋषिकेश बस टर्मिनल परिसर पर प्रशासन, पुलिस, पर्यटन, देवस्थानम, परिवहन, नगर निगम, संयुक्त रोटेशन यात्रा हेल्प डेस्क व कोविड जांच केंद्र चल रहा है।
बदरीनाथ धाम के कपाट आगामी 20 नवंबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम के कपाट पांच नवंबर को गोवर्धन पूजा के दिन बंद होंगे।
केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के कपाट दिवाली के बाद आगामी छह नवंबर को भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद होंगे।